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शिमला नगर निगम चुनाव में कांग्रेस को एक दशक बाद स्पष्ट बहुमत

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शिमला

शिमला नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है। कांग्रेस ने जीत का परचम लहराते हुए 10 साल बाद वापसी की है। भाजपा के हाथ से निगम की सत्ता चली गई है। 34 वार्डों में से 28 वार्डों के नतीजे आ गए हैं। इसमें कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत का जादुई आंकड़ा 18 पार कर लिया है। कांग्रेस को 20 सीटों पर जीत मिली है जबकि भाजपा को महज सात सीटें हासिल हुई हैं। एक सीट माकपा की झोली में गई है, जबकि आप अपना खाता नहीं खोल पाई है। ज्यादातर वार्डों में कांग्रेस उम्मीदवारों को भारी मतों से विजय हासिल हुई है।

क्या कहते हैं आंकड़े
कांग्रेस- 20
भाजपा- 7
माकपा- 1

कई दिग्गज हार गए चुनाव
कांग्रेस और भाजपा के कई दिग्गज चुनाव हार गए हैं। भाजपा की मेयर रही सत्या कौंडल को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। संजौली चौक से कांग्रेस की ममता चंदेल ने पूर्व मेयर एवं भाजपा उम्मीदवार सत्या कौंडल को 196 मतों से हरा दिया है। कांग्रेस से बागी होकर कृष्णानगर वार्ड से निर्दलीय लड़े पूर्व मेयर सोहन लाल भी चुनाव हार गए हैं।

शिमला शहरी कांग्रेस के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी भी हारे
कांग्रेस की धमाकेदार जीत के बावजूद वार्ड नंबर-1 भराड़ी वार्ड से शिमला शहरी कांग्रेस के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी भी हार गए हैं। कांग्रेस से भाजपा में शामिल मीना चौहान ने उन्हें 382 मतों के बड़े अंतर से हराया है। यह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आंनद शर्मा का गृह वार्ड है। नाभा में कांग्रेस ने फिर अपना वर्चस्व कायम रखा है। नाभा में कांग्रेस की सिमी नन्दा ने भाजपा की हिमा देवी को 147 मतों से पराजित किया है। टूटीकंडी वार्ड से कांग्रेस की उमा ने भाजपा की रितु गौतम को 521 मतों के बड़े अंतर से शिकस्त दी है।

माकपा ने अपने गढ़ समरहिल में फिर हासिल की शानदार जीत
कच्ची घाटी से कांग्रेस की किरण शर्मा विजयी रही। किरण शर्मा ने भाजपा की अलका कंवर को 72 मतों से पराजित किया। टूटू सीट कांग्रेस की झोली में गई, जहां से कांग्रेस की मोनिका भारद्वाज ने भाजपा की मीनाक्षी गोयल को 161 मतों से हराया। माकपा ने अपने गढ़ समरहिल में फिर शानदार जीत हासिल की है। यहां माकपा के वीरेंद्र ठाकुर ने कांग्रेस के जगदीश ठाकुर को 78 मतों से हराया।

अनाडेल, कैथू और मज्यात के नतीजे
माकपा की पूर्व पार्षद एवं भाजपा उम्मीदवार शेली शर्मा तीसरे स्थान पर रहीं। अनाडेल से कांग्रेस की उर्मिला कश्यप ने भाजपा की सपना कश्यप को 165 मतों से पराजित किया। कैथू वार्ड से कांग्रेस की कांता स्याल ने भाजपा की कमलजीत को 362 मतों से हराया। मज्यात वार्ड से कांग्रेस को धमाकेदार जीत मिली है। इस वार्ड से कांग्रेस की अनिता शर्मा ने भाजपा की निर्मला चौहान को 657 मतों से हराया।

राम बाजार से कांग्रेस प्रत्याशी ने लगाई जीत की हैट्रिक
राम बाजार से कांग्रेस की सुषमा कुठियाला ने जीत की हैट्रिक लगाई। उन्होंने भाजपा की सुनन्दा करोल को मात्र 34 मतों से हराया। वीआईपी वार्ड बेनमोर में भी कांग्रेस ने अपना जलवा दिखाया है। इस वार्ड से कांग्रेस की शीनम कटारिया ने भाजपा के अनूप बैध को 84 मतों से हराया। बेनमोर वार्ड से भाजपा को टिकट बदलना मंहगा पड़ा। यहां भाजपा ने अपने पार्षद किमी सूद का टिकट काटकर अनूप बैध को उम्मीदवार बनाया था।

वीरभद्र के वार्ड में कायम रहा कांग्रेस का दबदबा
छह बार के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के जाखू वार्ड में भी कांग्रेस का दबदबा कायम रहा। इस वार्ड से कांग्रेस के अतुल गौतम ने भाजपा के राजन अग्रवाल को 313 मतों से शिकस्त दी। लोअर बाजार से कांग्रेस की उमंग बंगा ने भाजपा की भारती सूद को 362 मतों से हराया। इंजनघर से कांग्रेस के अंकुश वर्मा ने भाजपा के विकास थापता को 306 मतों से हराया। लोअर ढली से कांग्रेस की विशाखा मोदी 313 मतों से विजयी रहीं। यहां से भाजपा की सीमा तीसरे स्थान पर रहीं।

अग्निपरीक्षा में पास हुई सुक्खू सरकार
अप्पर ढली में भाजपा के कमलेश विजयी रहे। इन्होंने कांग्रेस के नरेंद्र चौहान को 70 मतों से हराया। नगर निगम चुनाव में जीत के साथ ही राज्य की कांग्रेस शासित सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अपनी पहली अग्निपरीक्षा में पास हो गई है। इसके साथ कांग्रेस ने चुनावी जीत की हैट्रिक भी लगा दी है।

सीएम सुक्खू का बढ़ा सियासी रुतबा
कांग्रेस को वर्ष 2021 के विधानसभा उपचुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत मिली है। इस जीत से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का सियासी रुतबा बढ़ गया है। सुक्खू ने राजनीति की शुरुआत नगर निगम पार्षद से की थी। विधायक बनने से पहले वह दो बार 1992 और 1997 में छोटा शिमला वार्ड से पार्षद रहे थे। इन चुनाव नतीजों को सुक्खू सरकार के चार माह के कार्यकाल के अवलोकन के तौर पर लिया जा रहा है।