नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में एलपीजी सिलेंडर की कीमातों में 200 रुपये की कमी करने का ऐलान किया। यह लाभ उज्जवाल योजना के तहत गैस कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को मिलेगा। सरकार के इस फैसले से इस बात के संकेत मिलते हैं कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में महंगाई एक चुनावी मद्दा बन सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने कहा है कि जमीनी रिपोर्टों और सर्वेक्षणों से पता चला है कि मूल्य वृद्धि महिला मतदाताओं के बीच असंतोष का कारण बनता जा रहा है। तीनों ही राज्यों के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनावों में भगवा पार्टी का ध्यान आधी आबादी के वोट पर है। पार्टी के रणनीतिकार सरकार इस मुद्दे पर सरकार से कदम उठाने के लिए कह रहे थे।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार का निर्णय रक्षा बंधन और ओणम के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से महिलाओं को एक उपहार है। अनुराग ठाकुर ने कहा, ''पीएम मोदी ने फैसला किया है कि सभी उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी की कीमत 200 रुपये कम की जाएगी। सरकार उज्ज्वला योजना के तहत 75 लाख नए एलपीजी कनेक्शन मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कैबिनेट की बैठक की जानकारी ट्वीट कर दी।
अब इस दाम पर मिलेंगे गैस सिलेंडर
आपको बता दें कि पीएम उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के लाभार्थियों को पहले से ही 200 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी मिलती थी। अब इस जोजना के लाभार्थियों के लिए 200 रुपये अतिरिक्त कटौती की गई है। इसके साथ ही अब पीएमयूवाई परिवारों के लिए दिल्ली में एलपीजी सिलेंगर की कीमत 703 रुपये होगी।
मध्य प्रदेश में अलग से घोषणा
कुछ महीनो में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा सरकार ने बढ़ती कीमतों पर मतदाताओं के असंतोष को दूर करने के लिए भी पहल की है। रविवार को शिवराज सिंह चौहान ने सावन के पवित्र महीने के लिए अपनी प्रमुख लाडली बहना योजना के तहत आने वाली महिलाओं को 450 रुपये में घरेलू गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने सहित कई रियायतों की घोषणा की। सीएम ने कहा कि बाद में एक स्थायी प्रणाली विकसित की जाएगी। सरकारी योजना के तहत लाभार्थियों के बैंक खाते में हर महीने 1,000 रुपये भेजे जाएंगे।
शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता और उनकी भाई और मामा वाली छवि के बावजूद सत्ता विरोधी लहर और आंतरिक कलह मध्य प्रदेश में भाजपा के लिए चुनौती बढ़ा सकती है। महिलाओं का कहना है कि अर्ध-शहरी क्षेत्रों में एक परिवार को सालाना कम से कम छह एलपीजी सिलेंडर की आवश्यकता होगी, क्योंकि उनकी रसोई में न तो केरोसिन स्टोव हैं और न ही लकड़ी वाले चूल्हे। राज्य सरकार की सब्सिडी के बावजूद एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,131 रुपये से लेकर 1,187 रुपये के बीच थी।
ग्राउंड रिपोर्ट से संभली भाजपा
एक बीजेपी नेता ने इंडियन एक्सप्रसे को बताया, ''सभी बैठकों में जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की ओर से रसोई गैस की कीमत को लेकर महिलाओं के बीच बढ़ते असंतोष का संतोष था।" एक अन्य नेता ने कहा, ''पिछले अनुभव से हम तर्क दे सकते हैं कि ये चुनाव लोकसभा चुनावों के लिए डिपस्टिक नहीं हैं। यदि हम 2004 के मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनावों का अनुभाव बताएं को पार्टी को यह ध्यान में रखना होगा कि सत्ता विरोधी लहर धीरे-धीरे घर कर रही है। वैसे चंद्रयान -3 या जी -20 बैठक की सफलता जैसे बड़े शो पार्टी के पक्ष में माहौल बना सकते हैं। एक पार्टी पदाधिकारी ने कहा, ''भाजपा जोखिम नहीं ले सकती है। यह देखना पार्टी की जिम्मेदारी है कि लोगों की वास्तविक चिंताओं का समाधान कैसे किया जाए।''
क्या कहते हैं आंकड़े
भारत में 31 करोड़ से अधिक घरेलू एलपीजी सिलेंडर उपभोक्ता हैं, जिनमें 9.6 करोड़ पीएमयूवाई लाभार्थी भी शामिल हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, ''हम घरों के बजट प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों को समझते हैं। रसोई गैस की कीमत में कटौती का उद्देश्य परिवारों और व्यक्तियों को सीधे राहत प्रदान करना है।''