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AIIMS के डॉक्टर बने भगवान, फ्लाइट में रुक गई थी 2 वर्षीय बच्ची की सांसें, बचाई मासूम की जान

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नईदिल्ली

बेंगलुरु से दिल्ली आ रही फ्लाइट में हृदय की बीमारी से पीड़ित दो वर्षीय की बच्ची अचानक बेहोश हो गई। ऑक्सीजन की कमी से उसका शरीर नीला पड़ने लगा और जिंदगी खतरे में पड़ गई। इस वजह से विस्तारा एयरलाइंस की फ्लाइट में हेल्थ इमरजेंसी की उद्घोषणा की गई।

गनीमत है कि इस फ्लाइट में एम्स के पांच रेजिडेंट डॉक्टर सफर कर रहे थे। वे उद्घोषणा सुनकर बच्ची की जिंदगी बचाने में जुट गए और कम संसाधनों के बीच उसे बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। फ्लाइट में ही बच्ची को ऑक्सीजन और जीवन रक्षक स्पोर्ट दिया। जिससे बच्ची को स्थिर हालत में अस्पताल पहुंचाया जा सका। एम्स ने ट्वीट कर इस घटना की जानकारी दी है।
फ्लाइट में अचानक बेहोश हो गई थी बच्ची

एम्स के ट्वीट में कहा गया है कि बच्ची के हृदय की किसी अस्पताल में सर्जरी की गई थी। वह उस फ्लाइट में सफर कर रही थी। इस दौरान वह बेहोश हो गई। फ्लाइट में मौजूद एम्स के डॉक्टरों ने जांच की तो बच्ची की नब्ज नहीं चल रही थी। शरीर ठंडा पड़ गया था। वह सांस नहीं ले पा रही थी। उसके होंठ और अंगुलियां नीली हो गई थीं।

एम्स के डॉक्टरों ने बच्ची को सीपीआर देना शुरू किया। इसके अलावा उसे आइवी कैनुला लगाया और ऑक्सीजन सपोर्ट दिया। तब जाकर रक्त संचार सामान्य हुई। इस बीच बच्ची को एक बार फिर कार्डियक अरेस्ट हो गया।

इस वजह से डॉक्टरों ने उसे आटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर सपोर्ट दिया ताकि धड़कन नियंत्रित हो सके। इसके अलावा 45 मिनट तक सीपीआर दिया। तब जाकर उसकी हालत स्थिर हुई। इस बीच फ्लाइट नागपुर में उतार कर बच्ची को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया।
एम्स के ये डॉक्टर थे शामिल

फ्लाइट में एम्स के एनेस्थीसिया विभाग के वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर नवदीप कौर, डॉ. अविचला, कार्डियक रेडियोलाजी के डॉ. दमनदीप सिंह, गायनी विभाग की डॉ. ओशिका और रेडियोलोजी विभाग के पूर्व वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर रिषभ जैन थे।