रांची
डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाला मामले में आज फैसला सुनाया गया. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में 35 आरोपियों को बरी कर दिया गया. वहीं, 52 दोषियों को 3 साल की सजा सुनाई गई. जबकि, बाकी बचे आरोपियों के फैसले पर सुनवाई चल रही है. 29 साल पुराना यह मामला 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है. झारखंड सीबीआई का यह अंतिम मामला है, जिसमें सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक रवि शंकर ने पैरवी की.
घोटाले में कुल 124 आरोपी
डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाला मामले में 124 आरोपी थे. इनमें पशुपालन के तत्कालीन बजट व लेखा पदाधिकारी, कोषागार पदाधिकारी, पशु चिकित्सक और आपूर्तिकर्ता शामिल हैं. मामले में पूर्व विधायक गुलशन लाल आजमानी के अलावा कोई राजनेता नहीं है. वह भी मामले के समय आपूर्तिकर्ता थे.
24 जुलाई को हुई थी सुनवाई
गौरतलब है कि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने 24 जुलाई को सभी पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसले की तिथि निर्धारित की थी. फैसले की तिथि पर उक्त सभी आरोपियों को सशरीर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था. इस मामले में सीबीआई की ओर से 594 गवाहों को प्रस्तुत किया गया है. डोरंडा कोषागार से यह अवैध निकासी वर्ष 1990-91 एवं 1994-95 के दौरान फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर की गयी थी.