महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी NDA सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गुट की एंट्री को पूरी तरह राजनीतिक कदम करार दे रहे हैं। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ भारतीय जनता पार्टी के रिश्ते को 'भावनात्मक' बताया है। उन्होंने भाजपा पर लग रहे पार्टियां तोड़ने के आरोपों से भी इनकार किया है। खबरें थीं कि अजित पवार की अगुवाई में एनसीपी के आने के बाद शिवसेना और भाजपा के कुछ विधायक असहज हो रहे हैं।
भाजपा के एक कार्यक्रम के दौरान फडणवीस ने भिवंडी में सांसदों, विधायकों और नेताओं को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि शिवेसना के साथ रिश्ता 25 साल पुरानी दोस्ती का है। साथ ही उन्होंने नए गठबंधन को लेकर कहा कि जैसा राम ने रामायण में कहा था कि नए साथियों की जरूरत है, ताकि रावण को लगने लगे कि वह हार गया है।
उन्होंने महाभारत में श्रीकृष्ण का हवाला दिया और कहा कि आज लिए गए फैसले 'अधर्म' नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'आज हम जो कर रहे हैं, उसके बारे में मैं आपको समझाता हूं, ताकि मन में कोई संदेह न रहे। यह अधर्म नहीं है।' उन्होंने कहा, 'यह कूटनीति है। जब धोखा होता है, तो व्यक्ति को कूटनीति करनी पड़ती है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि कई लोग नैतिकता का मुद्दा उठा रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'राजनीति में नैतिकता के साथ काम करने के लिए हमें प्रासंगिक रहना जरूरी है। ऐसा करने के लिए श्रीकृष्ण ने कूटनीति का इस्तेमाल किया था। लोग कहते हैं कि हमने दो पार्टियां तोड़ दी। क्या पहले हमने जनादेश तोड़ा था?' उन्होंने कहा कि सीएम शिंदे और पवार राजनीति में नए नहीं हैं, वे सोच समझकर आए है। उन्होंने कहा, 'जब भी अन्याय होगा, एक एकनाथ शिंदे जन्म लेगा।'
नाराजगी पर भी बोले
एनसीपी के शामिल होने के बाद असहज हुए नेताओं पर भी डिप्टी सीएम फडणवीस ने बात की। उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग में पार्टी उम्मीदवारों के लिए 152 से ज्यादा सीटें होंगी। उन्होंने बताया कि भाजपा अपने साथियों का ख्याल रखती है, लेकिन अपने खुद के कार्यकर्ताओं को भी निराश नहीं करती।