भोपाल /नई दिल्ली
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज पहली बार दिल्ली जा रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व मुख्यमंत्री को दिल्ली बुलाया है। नतीजे आने के बाद चौहान ने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा। दरअसल, राज्य की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री चौहान भी सत्र में पहुंचे, वे बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए हैं। इस दौरान उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए बताया कि वे दिल्ली जा रहे हैं और उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात होगी।
वहीं, बीते रोज राज्य के तमाम नेताओं के दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस मामले में किसी तरह की जानकारी होने से इनकार कर दिया। ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा था कि कुछ मांगने दिल्ली नहीं जाऊंगा, अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर है मर जाना। इस बयान को लेकर सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं रही हैं।
शिवराज के कारण मोहन हैं असहज
मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी अलाकमान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भोपाल से दिल्ली बुलाना चाहता है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि आज राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के दौरान उन्हें केंद्रीय कृषि मंत्री का पद ऑफर हो सकता है. इसके अलावा उन्हें विदिशा संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी के लिए भी कहा जा सकता है. पार्टी संगठन से जुड़े लोगों ने केंद्रीय नेतृत्व को यह रिपोर्ट दी है कि वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अभी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रिय और सक्रियता के चलते सहज महसूस नहीं कर रहे हैं.
शिवराज को नहीं पता क्या होगी बातचीत
पार्टी सूत्रों के अनुसार शिवराज सिंह चौहान मंगलवार सुबह दिल्ली रवाना होंगे और दिन में नड्डा से मिलेंगे. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'मुझे नहीं पता कि किन मुद्दों पर चर्चा होगी, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुझे बुलाया है. मैं मिलने दिल्ली जा रहा हूं.' दिल्ली में शिवराज और नड्डा की इस मुलाकात को लेकर मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में तमाम अटकलें लगाई जा रहीं हैं. कहा जा रहा है कि पार्टी चौहान को कोई नई जिम्मेदारी दे सकती है.
मध्य प्रदेश नहीं छोड़ना चाहते शिवराज
सूत्र तो यह भी बताते है कि शिवराज सिंह चौहान को नरेंद्र सिंह तोमर के इस्तीफे की वजह से खाली कृषि मंत्रालय दिया जा सकता है. वही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वह फिलहाल मध्य प्रदेश नहीं छोड़ना चाहते हैं. उनका प्लान है कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 29 सीटों को जिताने का काम अपने हाथ में लें. हालांकि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने शिवराज के लिए क्या भूमिका तय की है, इसका खुलासा अब एक-दो दिन में हो जाएगा.
पीढ़ी परिवर्तन को बताया था पॉजिटिव बदलाव
चौहान ने आगे कहा कि भाई और मामा के रिश्ते उनके हैं और वह बने रहेंगे, मैंने पहले भी कहा था, भाई का रिश्ता विश्वास का है और मामा का रिश्ता स्नेह का। यह ऐसा संबंध है वह स्वाभाविक है। यह एक फेस होता है और लोग धीरे-धीरे भूल जाते हैं, लेकिन संबंध रहेंगे। राज्य की विधानसभा में वरिष्ठ व पुराने साथी हैं, और युवा बड़ी संख्या में जीत कर आए हैं, इस बात का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा कि वरिष्ठ और पुराने साथी भी चुनाव जीतकर आए हैं और युवाओं का भी समावेश है। यह आनंद का विषय है कि पीढ़ी का परिवर्तन हुआ है।
उन्होंने कहा कि मोहन यादव मुख्यमंत्री हैं तो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार हैं। पीढ़ी परिवर्तन एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और मुझे पूरा विश्वास है कि मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश नई ऊंचाइयों को छूएगा।