बुरहानपुर
शहर के लोधीपुरा स्थित दरगाह-ए-हकीमी परिसर के बीच स्थापित प्राचीन इच्छेश्वर हनुमान मंदिर को जिला प्रशासन फिलहाल विस्थापित नहीं करेगा। इस मंदिर के विस्थापन को लेकर हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए मंदिर समिति के पक्ष में स्थगन आदेश जारी किया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मौके पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने राहत की सांस ली है। कलेक्टर भव्या मित्तल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि मंदिर नहीं हटाया जाएगा, लेकिन मंदिर में वर्तमान की तरह सीमित संख्या में ही भक्त पूजन कर सकेंगे। इस स्थल पर कोई भी बड़ा धार्मिक आयोजन नहीं किया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि दरगाह प्रबंधन और मंदिर समिति के बीच इस मंदिर और उससे लगी जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। हिंदू समाज के लोग इसे सैकड़ों साल पुराना मंदिर बताते हुए इसके सरकारी भूमि पर बने होने का दावा करते रहे हैं। साथ ही दरगाह प्रबंधन पर मंदिर की सरकारी जमीन हड़पने का आरोप लगाते रहे हैं। बाद में यह मामला स्थानीय न्यायालय और हाईकोर्ट भी पहुंचा था। स्थानीय न्यायालय में इससे संबंधित एक मामला अब भी विचाराधीन है। अब दोनों पक्षों की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर टिकी हैं।