नई दिल्ली
दिल्ली को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) राजधानी बनाने के दिशा में काम किया जा रहा है। दिल्ली सरकार की कोशिश वर्ष 2025 तक कुल वाहनों में ईवी की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक करने की है।
इसके लिए आधारभूत ढांचा को बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए इस वर्ष जुलाई तक दिल्ली में 100 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन अभी भी इसके पूरा होने का इंतजार है। इनमें से 66 स्टेशन तैयार हो चुके हैं।
बैट्री स्वैपिंग की भी सुविधा कराई गई उपलब्ध
वर्ष 2022 में 100 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए टेंडर किया गया था। दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड को इसका नोडल एजेंसी बनाया गया है। इनमें से अधिकांश दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के मेट्रो स्टेशनों और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) डिपो पर लगाए जा रहे हैं।
इन चार्जिंग स्टेशनों पर न्यूनतम 20 प्रतिशत धीमी गति वाले चार्जर और 10 प्रतिशत तीव्र गति वाले चार्जर अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही बैट्री स्वैपिंग की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। दावा किया गया था कि जुलाई तक सभी तैयार हो जाएंगे।
इन एजेंसियों की भूमि पर लगाए जा रहे हैं 100 चार्जिंग स्टेशन
भू स्वामित्व- चार्जिंग स्टेशन की संख्या
डीएमआरसी- 71
डीटीसी- 11
परिवहन विभाग- 4
बीएसईएस राजधानी- 3
बीएसईएस यमुना- 3
टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड- 3
दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (डीएसआइआइडीसी)- 3
दिल्ली जल बोर्ड- 1
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण- 1
नवंबर तक तैयार हो गए चार्जिंग स्टेशन
अलग-अलग एजेंसियों की भूमि पर 66 चार्जिंग स्टेशन तैयार हो गए हैं जिनमें 76 तेज गति वाले चार्जर सहित कुल 508 चार्जिंग प्वाइंट हैं। 62 प्वाइंट पर बैट्री स्वैपिंग की सुविधा है।
अधिकारियों का कहना है कि कई प्रस्तावित क्षेत्र में चार्जिंग स्टेशन के लिए उचित भूमि उपलब्ध होने में परेशानी हो रही है। इस कारण इसमें देरी हो रही है। अगले एक-दो माह में काम पूरा हो जाएगा।
दिल्ली में कुल हैं 47 सौ से ज्यादा चार्जिंग प्वाइंट
राजधानी में अलग-अलग एजेंसियों व योजनाओं के अंतर्गत 4759 चार्जिंग प्वाइंट बन गए हैं। इनमें 318 बैट्री स्वैपिंग स्टेशन भी हैं। दिल्ली सरकार की ईवी नीति अगस्त 2020 तक के लिए मान्य थी जिसे 31 दिसंबर तक बढ़ाया गया है। जल्द ही नई नीति अधिसूचित होने की उम्मीद है।