नई दिल्ली
पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के पिता एमके विश्वनाथन का निधन शनिवार को हो गया। दो हफ्ते पहले ही दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सौम्या मर्डर केस के चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 2008 में दफ्तर से घर लौटते वक्त सौम्या की हत्या हुई थी। इस मामले में 15 साल बाद आरोपियों को सजा मिली। सौम्या के पिता एमके विश्वनाथन का 82 साल की उम्र में निधन हुआ।
बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ी लंबी अदालती लड़ाई
दो हफ्ते पहले जब अदालत ने सौम्या केस में दोषियों को सजा सुनाई, तब एमके विश्वनाथन अदालत में ही मौजूद थे। उनके साथ उनकी पत्नी माधवी विश्वनाथन भी थीं। बेटी के हत्यारों के सजा दिलाने के लिए पिता ने 15 साल तक कोर्ट कचहरी के चक्कर काटे। वो हाथ में छड़ी लेकर अदालत में खड़े होकर जज को निहारते रहे। इंसाफ के इस संघर्ष में उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी हुईं, लेकिन बेटी को न्याय दिलाने के लिए अड़े रहे।
हत्यारों को जब मिली सजा, ICU में थे भर्ती
अदालत ने जब सौम्या मर्डर केस में आरोपियों को दोषी करार दिया तब इस फैसले से एमके विश्वनाथन को थोड़ी राहत मिली। हालांकि वो दोषियों को फांसी की सजा दिलवाना चाहते थे। उन्होंने कहा था कि इस केस को एक तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचना होगा। उन्होंने अदालत में होने वाली लेट लतीफी पर भी चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि कानूनी प्रक्रिया ठीक से क्यों नहीं हो पा रही है। आखिर कोर्ट में तारीख पर तारीख क्यों हो रहा है। जब बेटी के हत्यारों को सजा सुनाई गई तब वह आईसीयू में भर्ती थे।
2008 में हुई थी सौम्या की हत्या
बता दें कि 30 सितंबर 2008 में सौम्या विश्वनाथन की हत्या उस वक्त हुई थी, जब वह देर रात अपनी कार से घर लौट रही थीं। सौम्या की गोली मारकर हत्या की गई थी। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि इस मर्डर का मकसद लूटपाट था। इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी 2009 से ही हिरासत में थे। इन आरोपिरों पर मकोका भी लगाया गया था। इन आरोपियों को 2009 में आईटी प्रोफेशनल जिगिशा घोष की हत्या मामले में दोषी करार दिया जा चुका है।