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देश का पहला हाइड्रोजन इंजन प्लांट झारखंड में लगेगा, MoU पर CM सोरेन ने किए साइन

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जमशेदपुर

जमशेदपुर में हाइड्रोजन इंजन से जुड़ा देश का पहला उद्योग स्थापित करने के लिए टाटा समूह के संयुक्त उपक्रम व झारखंड सरकार के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में  प्रोजेक्ट भवन में एमओयू किया गया। यह एमओयू टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (टाटा मोटर्स लिमिटेड और टाटा कमिंस का संयुक्त उपक्रम) के साथ हाइड्रोजन इंजन निर्माण से संबंधित परियोजना के लिए किया गया है। परियोजना पर 354.28 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।

एक हजार को रोजगार

इस पहल के बाद देश में जल्द हाइड्रोजन ईंधन से भी वाहन चलेंगे। इस इकाई के स्थापित होने से करीब एक हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। जमशेदपुर में लगने वाले इस प्लांट में हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन, फ्यूल-एग्नोस्टिक इंजन, एडवांस केमिस्ट्री बैटरी, एच 2 फ्यूल सेल और एच 2 फ्यूल डिलीवरी सिस्टम के तहत इंजन बनेंगे। इसकी प्रस्तावित क्षमता 4000+ हाइड्रोजन आईसी इंजन और 10,000+ बैट्री सिस्टम है।

एमओयू पर उद्योग विभाग के सचिव जितेंद्र कुमार सिंह और भारत में कमिंस के मुख्य वित्तीय अधिकारी अजय पाटिल ने टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ और कमिंस इंडिया के नितिन जिराफे की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कहीं बेमौसम बरसात तो कहीं सुखाड़, कहीं बाढ़, विचित्र स्थिति बनी पड़ी है। प्रकृति के साथ ज्यादा छेड़छाड़ का परिणाम भी हम सभी लोग देख रहे हैं। प्रकृति के साथ समन्वय स्थापित कर विकास के पथ पर आगे बढ़ने की जरूरत है।

हाइड्रोजन ईंधन के फायदे

● हाइड्रोजन ईंधन से प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

● हाइड्रोजन ईंधन की क्षमता अन्य ईंधनों की अपेक्षा अधिक होती है। यह सस्ता, हल्का और इसका एनर्जी लेबल अधिक होता है।

● यह पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों के बीच एक बेहतर विकल्प माना जाता है।

टाटा के ओल्ड फोर्जिंग प्लांट में बनेगा हाइड्रोजन इंजन

देश के पहले हाइड्रोजन इंजन के निर्माण के लिए जमशेदपुर के टाटा मोटर्स परिसर स्थित ओल्ड फोर्जिंग प्लांट का चयन किया गया है। फोर्जिंग प्लांट के बाहरी हिस्से का जीर्णोद्धार कर लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि सरकार से इंजन उत्पादन के लिए लाइसेंस मिलने का इंतजार किया जा रहा है। लाइसेंस मिलने के बाद फोर्जिंग प्लांट के भीतरी हिस्से का भी जीर्णोद्धार शुरू हो जाएगा और उपक्रमों की कमिशनिंग भी शुरू हो जाएगी। इधर, कंपनी में मैनपावर के लिए प्रबंधन ने इंप्लाई वार्ड की बहाली प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।