Home राजनीति ग्वालियर-चंबल से तय होगी MP सरकार, क्यों ज्योतिरादित्य सिंधिया पर इतना दारोमदार

ग्वालियर-चंबल से तय होगी MP सरकार, क्यों ज्योतिरादित्य सिंधिया पर इतना दारोमदार

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 भोपाल
ग्वालियर-चंबल अंचल प्रदेश का रजानीतिक रूप से सबसे समृद्ध अंचल माना जाता है। भाजपा ने प्रदेश में अपने सबसे विश्वस्त सिपहसालार और मुरैना से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर को मध्य प्रदेश में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी है। ग्वालियर से ताल्लुक रखने वाले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के ऊपर भी भाजपा का पूरा दारोमदार है कि पिछली बार उन्होंने जिस तरह कांग्रेस को इस अंचल में जीत दिलाई थी वैसी ही इस बार भाजपा को दिलाएं। प्रशासनिक दृष्टि से ग्वालियर और चंबल दो इकाइयां हैं, पर राजनीतिक नजरिए से इन दोनों संभागों को एक ही माना जाता है। चंबल संभाग में मुरैना, श्योपुर और भिंड की 13 विधानसभा सीटें हैं। जबकि ग्वालियर संभाग में अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, गुना और ग्वालियर की 21 सीटें हैं।

2018 विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव के चलते कांग्रेस ने इस क्षेत्र में 25 सीटें जीती थईं जबकि भाजपा को सिर्फ आठ सीटें मिली थईं और एक सीट बसपा ने कब्जा किया था। सिंधिया के भाजपा में आने के बाद नवंबर 220 में प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को 19 और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थईं। ग्वालियर संभाग में भाजपा के विधायक 6 से बढ़कर 11 हो गए थे। नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर चंबल संभाग में 24 में से 26 सीट जीतने का लक्ष्य तय किया है।

टिकट वितरण में सिंधिया का प्रभाव दिखा
2018 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से भाजपा में आने वाले दो साथियों पर भाजपा ने भरोसा जताया है। आगामी चुनाव में उन्हें अपनी किस्मत आजमाने का मौका दिया है। इनमें सुमावली से एंदल सिंह कंसाना और पिछोर से प्रीतम सिंह लोधी का नाम शामिल है। भाजपा की पहली सूची में ग्वालियर चंबल संभाग की छह सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए हैं जहां भाजपा चुनाव हारी थी। सिंधिया के सबसे विश्वस्त सिपहसालार तुलसीराम सिलावट का मार्ग निष्कंटक बनाने के लिए सांवेर सीट के प्रबल दावेदार राजेश सोनकर को सोनकच्छ शिफ्ट कर दिया गया है। गुना की चाचौड़ा सीट पर पिछली बार चुनाव हारी ममता मीणा की जगह प्रियंका मीणा पर भरोसा जताया गया है।

कांग्रेस की ओर से दिग्गजों ने संभाला मोर्चा
कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी जुलाई में ग्वालियर में एक बड़ी सभा कर चुकी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इसी अंचल में गुना से हैं। प्रदेश में कांग्रेस के मुख्य रणनीतिकार के तौर पर उनकी काफी अहम भूमिका रहेगी। कांग्रेस की ओर से डॉ. गोविंद सिंह ग्वालियर चंबल अंचल का एक और बड़ा चेहरा हैं।

अंचल पर बसपा की भी नजर, तैयारियों में जुटी
2018 के चुनाव में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े बसपा के संजीव कुमार कुशवाहा ने बड़े अंतर से भिंड की सीट जीतकर भाजपा के समक्ष कड़ी चुनौती पेश की थी हालांकि इस समय वे भाजपा खेमे में हैं। बसपा एक बार फिर विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियों में जुटी है। अब उसकी नजर ग्वालियर चंबल अंचल पर है।