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मानसून सत्र का आज आखिरी दिन, अधीर रंजन के सस्पेंशन पर सोनिया गांधी ने बुलाई बैठक

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 नई दिल्ली
 संसद का चालू सत्र तीन सप्ताह के हंगामे के बाद शुक्रवार को समाप्त होने वाला है, जिसके दौरान मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने थे। इस बीच, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता का भी निचले सदन की कार्यवाही में दबदबा रहने की संभावना है। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चौधरी के निलंबन पर चर्चा के लिए आज सुबह पार्टी के लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है। बैठक पार्टी के संसदीय कार्यालय में सुबह 10:30 बजे आयोजित होने वाली है। लोकसभा में सूचीबद्ध विधायी कार्य के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश करेंगी। ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के लिए लोकसभा में कानून लाने की तैयारी है।

पार्टी सूत्रों ने कहा, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार शाम को लोकसभा में चौधरी के निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया और कहा कि जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्री बोलते हैं या बहस चल रही होती है तो वह सदन में बाधा डालते हैं।  अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री पर चौधरी की कुछ टिप्पणियों के बाद यह प्रस्ताव पेश किया गया, जिस पर सत्ता पक्ष ने नाराजगी जताई। लोकसभा से उनके निलंबन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जांच लंबित है।
 
मेरा इरादा पीएम मोदी का अपमान करना नहीं था
विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'नीरव' का मतलब चुप रहना है और उनका इरादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करना नहीं था। उन्होंने कहा, ''मैंने पीएम मोदी का अपमान नहीं किया है। मोदी जी हर चीज पर बोलते हैं लेकिन मणिपुर मुद्दे पर बोलते हैं। 'नीरव' बैठना, जिसका मतलब है चुप बैठना। 'नीरव' का मतलब है चुप रहना। मेरा इरादा पीएम मोदी का अपमान करना नहीं था। पीएम मोदी को नहीं लगा कि उनका अपमान हुआ है, उनके दरबारियों (दरबारी) को ऐसा लगा और उन्होंने मेरे खिलाफ यह प्रस्ताव लाया चौधरी ने कहा, ''मुझे पता चला कि (मामला) विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है और मुझे निलंबित कर दिया गया है।'' उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी हर दिन जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी का अपमान करते हैं और यह रिकॉर्ड में है।
 
उन्होंने कहा, ''अगर पीएम मोदी 100 बार भी प्रधानमंत्री बनें तो भी हमें कोई आपत्ति नहीं है।'' उन्होंने कहा। चौधरी ने आगे कहा, ''पिछले तीन दिनों से अविश्वास प्रस्ताव पर बहस चल रही है और आज प्रधानमंत्री ने लोकसभा को संबोधित किया और उठाए गए सवालों का जवाब देने की कोशिश की लेकिन उन्होंने सबसे विवादास्पद मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया। मैंने पीएम से चर्चा की कि हमें उन्हें अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में आने के लिए मजबूर करना पड़ा और मुझे यह अच्छा नहीं लगा।''

चौधरी ने कहा कि उन्होंने दो बातें कही हैं और अगर इसका गलत मतलब निकाला गया तो यह उनकी गलती नहीं है। ''मैंने रूपक के रूप में एक उदाहरण दिया और मेरा पीएम का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। दूसरी बात मैंने कही कि पीएम हर बात पर बोलने लगते हैं.'' चौधरी ने कहा कि 'नीरव' की बात मणिपुर के संदर्भ में कही गई थी.