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बिहार में 10 सीटों ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन, समझिए सियासी समीकरण

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बिहार
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र NDA और INDIA गठबंधन के सहयोगी दल देशभर में सियासी ज़मीन मज़बूत करने में जुटे हुए हैं। वहीं क्षेत्रीय पार्टियों ने भी चुनावी माहौल तैयार करना शुरू कर दिया है। बिहार में भाजपा खुद को मज़बूती के साथ मैदान में उतारने के लिए रणनीति तैयार कर रही है, लेकिन 10 लोकसभा सीटों ने बीजेपी नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है। प्रदेश में नीतीश कुमार द्वारा NDA को दिये झटके ने भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया है। 2024 बिहार में लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र 10 सीटों पर भाजपा अलग से रणनीति बना रही है। ग़ौरतलब है कि हाल ही में पीएम मोदी के नेतृत्व में NDA गठबंधन के सहयोगी दलों की बैठक हुई थी। इस बैठक में बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनावी मंथन हुआ था।

 दिल्ली में पीएम मोदी की अगुवाई में हुई बैठक के बाद बिहार बीजेपी ने भी राजधानी पटना में बैठक की थी, जिसमें चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई। सूत्रों की मानें तो बैठक में 10 लोकसभा सीटों को रेड ज़ोन मार्क में रखकर अलग से रणनीति तैयार करने की बात हुई है। केंद्रीय टीम भाजपा ने बिहार में पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, मुंगेर, वैशाली, नवादा, गया, वाल्मीकिनगर, सुपौल और झंझारपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों पर प्रदेश भाजपा टीम ने अलग से चुनावी रणनीति बनाने के निर्देश दिये हैं। राजधानी पटना में दो दो दिनों तक चली बैठक में मुंगेर, गया, वैशाली, नवादा, वाल्मीकि नगर और झंझारपुर के भाजपा कार्यकर्ताओं के चुनावी रणनीति विचार विमर्श किया गया। 6 लोकसभा सीटों पर चर्चा के बाद बचे हुए 4 सीटों पर चुनावी रणनीति के लिए सोमवार (7 अगस्त) को बैठक होनी है। भाजपा के दिग्गज नेताओं ने संबंधित सीटों पर अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव के मद्देनज़र ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है। भाजपा नेता पूर्व मंत्री रहे रामप्रीत पासवान ने कहा कि उनका झंझारपुर लोकसभा सीट पड़ता है। हम लोगों का मेन मक़सद लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करना है।

भाजपा नेता जीवेश मिश्रा ने कहा कि वह लोग ज़मीन स्तर पर कार्यकर्ताओं के ज़रिए पार्टी को मज़बूत कर रहे हैं। बिहार में 40 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए फुल प्रूफ प्लान के तहत काम कर रहे हैं। ग़ौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू NDA के सहयोगी में शामिल थी। भाजपा ने बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी के साथ मिलकर उस वक्त 40 में से 39 लोकसभा सीटों को NDA के खाते में डाला था।

 39 सीटों में भाजपा ने 17 सीटें, लोक जनशक्ति पार्टी ने 6 सीटे और नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस को 1 सीट पर संतोष करना पड़ा था। बिहार के सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज़ है कि पिछली बार लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार के साथ की वजह से NDA के खाते में 39 सीटें गईं थी, लेकिन इस बार सियासी समीकरण बदले हुए नज़र आ रहे हैं, नीतीश कुमार INDIA गठबंधन के साथ विपक्षी एकता को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए भाजपा को 10 लोकसभा सीटों पर अलग से चुनावी रणनीति तैयार करनी पड़ रही है।