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स्टोक्स-मैकुलम ने पिछले साल ब्रॉड को संन्यास लेने से रोका था : एंडरसन

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लंदन
 इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने खुलासा किया कि स्टुअर्ट ब्रॉड ने पिछले सीजन में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने के बारे में सोचा था, लेकिन टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स और मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था।

टेस्ट में 604 विकेट के साथ, स्टुअर्ट ब्रॉड इस प्रारूप में विकेट लेने वालों की सर्वकालिक सूची में पांचवें स्थान पर हैं और 600 से अधिक विकेट लेने वाले केवल दो तेज गेंदबाजों में से एक हैं। दूसरे तेज गेंदबाज एंडरसन हैं। ब्रॉड ने अगस्त 2006 में अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण के बाद से 121 एकदिवसीय मैचों में 178 विकेट और 56 टी20 में 65 विकेट लिए हैं।

एंडरसन ने कहा, तीसरे दिन के खेल के लिए टीम बस में चढऩे से पहले स्टुअर्ट ने मुझे कॉफी पर अपने संन्यास के बारे में बताया। शुरू में मुझे थोड़ा झटका लगा। लेकिन उसकी बात सुनने के बाद मैंने उसका समर्थन किया। उसने मुझे बताया कि वो पिछले सीजन में भी इसके बारे में सोच रहा था, मगर स्टोक्स और मैकुलम ने उसे रोक लिया था।

एंडरसन ने द टेलीग्राफ के लिए अपने कॉलम में लिखा, हमने ओवल में पांचवें दिन बल्लेबाजी के लिए जाने की तस्वीर के बारे में बात की। यह निश्चित रूप से एक ऐसी तस्वीर है जिसे मैं अपने घर में लगाना चाहूंगा।

ब्रॉड, जिन्होंने 2007 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था, ओवल में अंतिम एशेज टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया पर 49 रन की जीत के बाद खेल के महानतम तेज गेंदबाजों में से एक के रूप में जाने जाएंगे। मैच में, उन्होंने आखिरी गेंद पर छक्का लगाया और अपने क्रिकेटिंग करियर की अंतिम गेंद पर एक विकेट लिया, जिसमें उनके एशेज 2023 में विकेटों की संख्या 22 विकेट थी। उन्होंने यह भी कहा कि यह बहुत अच्छा है कि दोनों एक साथ क्रिकेट से बाहर नहीं हुए क्योंकि ब्रॉड अपनी विदाई के हकदार थे।

लगातार विकेट खोने से मैच गंवाना पड़ा : हार्दिक पांड्या

तरौबा
 भारत के टी20 कप्तान हार्दिक पांड्या ने पहले टी20 मैच में अपनी टीम के पिछडऩे और वेस्ट इंडीज से चार रन के करीबी अंतर से हार का कारण बीच के ओवरों में तेजी से विकेट गिरना बताया है। पांच मैचों की सीरीज का यह पहला मैच था।

मेजबान टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करते हुए 20 ओवरों में 149/6 पर सिमट गई। भारत की ओर से खराब शुरुआत के बाद तिलक वर्मा (39) और हार्दिक पंड्या (19) और फिर संजू सैमसन (12) ने स्कोर 113/4 पर पहुंचाया। लेकिन भारत ने तीन गेंदों के भीतर 113 के स्कोर पर पांड्या और सैमसन दोनों को खो दिया और अंतत: 20 ओवरों में 145/9 तक ही सीमित रह गया। पांड्या को जेसन होल्डर (2-19) ने बोल्ड किया जबकि सैमसन रन आउट हुए। पांड्या ने कहा कि लगातार दो विकेट गंवाने से मैच में भारत की हार हुई।

मैच के बाद पांड्या ने कहा, पूरे खेल के दौरान, हम नियंत्रण में थे। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि टी20 क्रिकेट में अगर आप विकेट खो देते हैं, तो लक्ष्य का पीछा करना मुश्किल हो जाता है। जब हमने (लगातार) कुछ विकेट खो दिए…तो हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ी। भारत के कप्तान ने कहा कि उनकी टीम ने गलतियां की जिसके कारण उन्हें मैच गंवाना पड़ा और पांच मैचों की श्रृंखला हार से शुरू हुई। सीरीज के आखिरी दो मैच संयुक्त राज्य अमेरिका के लॉडरहिल में खेले जाएंगे।

पांड्या ने कहा कि तीन स्पिनरों को शामिल करने का फैसला खेल की परिस्थितियों के कारण था। कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल और अक्षर पटेल के साथ भारत मैच में उतरा। अर्शदीप सिंह और मुकेश कुमार फ्रंटलाइन पेसर थे। पांड्या ने कहा, तीन स्पिनरों को रखना परिस्थितियों के अनुरूप था। हम चाहते थे कि युजी और कुलदीप एक साथ खेलें और अक्षर बल्लेबाजी में रन बनाएं। मध्यम गति के गेंदबाज मुकेश का भारत के लिए पदार्पण करना शानदार था।

पांड्या मध्यक्रम के बल्लेबाज तिलक वर्मा की बल्लेबाजी से भी खुश थे, जिन्होंने भारत के लिए अपने पदार्पण मैच में 22 गेंदों में 39 बनाकर शीर्ष स्कोर बनाया। पांड्या ने मुंबई इंडियन के बल्लेबाज के बारे में कहा, तिलक ने जिस तरह से अपनी पारी की शुरुआत की, उसे देखकर बहुत खुशी हुई। उन्होंने अपने टी20 करियर की शुरुआत दूसरी गेंद पर छक्का लगाकर की थी।