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फाइटर इमेज, नेतृत्व की ताकत और भरोसा; राहुल गांधी को सुप्रीम राहत से क्या-क्या मिला

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 नई दिल्ली

मोदी सरनेम वाले केस में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके कारण उनकी लोकसभा की सदस्यता चली गई थी। सरकार ने उनसे उनका सरकारी बंगला भी खली करा दिया था। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी पूरी उत्साहित नजर आ रही है। आइए इस फैसले के महत्व के बारे में समझने की कोशिश करते हैं।

कल जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई तो राहुल गांधी की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि मानहानि मामले के चलते राहुल गांधी की आवाज को चुप करा दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मतभेद होते हैं। उन्होंने कहा कि उक्त बयान में उनके मुवक्किल राहुल गांधी की नीयत किसी भी मोदी उपनाम वाले व्यक्ति को अपमानित करने की मंशा नहीं थी। सिंघवी ने आगे कहा कि कुछ लोग नैतिक पतन जैसी बात कर रहे हैं, लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि मौजूदा मामला गंभीर अपराध का नहीं है और न ही अपीलकर्ता की पृष्ठभूमि आपराधिक प्रकृति का है।

फाइटर इमेज
मानहानि केस में राहुल गांधी लगातार अपनी इस बात अड़े रहे कि वह माफी नहीं मांगेंगे। अंत तक उन्होंने माफी नहीं मांगी। निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। लेकिन माफी नहीं मांगने के अपने फैसले पर टिके रहे। इससे उनकी फाइटर इमेज वाली छवि बनकर उभरी है। इसका असर आने वाले लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।

नेतृत्व की ताकत
हाल के दिनों तक राहुल गांधी की नतृत्व करने की क्षमता पर सवाल उठते रहे हैं। लेकिन उन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक की 'भारत जोड़ो यात्रा' कर अपनी छवि बदली है। इसके जरिए उन्होंने समाज के हर तबके से जुड़ने की कोशिश की। लोग भी उन्हें देखने और सुनने के लिए काफी उत्साहित दिखे। उन्होंने अपने विपक्षी दलों के साथ-साथ गठबंधन के सहयोगियों को भी नेतृत्व की ताकत का आभास कराया है। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें और बल मिलेगा। वह लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए सक्षम होंगे। कांग्रेस भले ही किसी पद की लालच नहीं होने की बात कर रही है, लेकिन आने वाले समय में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने की मांग तेज हो सकती है।

भरोसा
राहुल गांधी ने हाल के कुछ वर्षों में खुद को काफी बदला है। कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ आम जनता का भी भरोसा बढ़ा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से और इजाफा होने की संभावना है। आने वाले समय में राहुल गांधी आगे आकर इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करते दिख सकते हैं।