भोपाल
अगले महीने के मध्य से शुरू होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में नगर निगम के लिए सबसे बड़ी चुनौती शहर के पब्लिक टॉयलेट की खराब हालत को लेकर है। इसके लिये नियम कड़े हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। टॉयलेट में पेंटिंग सही नहीं तो 50 हजार, नल लीकेज, बेसिन गंदा तो 300 रुपये का जुर्माना हो सकता है। पर इसकी परवाह किसको है।
टॉयलेट्स गायब की भी दिक्कत
नगर निगम को स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर अंक दिलाने वाले मॉड्यूलर टॉयलेट्स अब गायब हो गए। कोरोना काल के बाद से ही इन्हें हटाना शुरू कर दिया। शहर के लिए करीब 15 हजार टॉयलेट्स मंगाए गए थे, अब ये नजर नहीं आ रहे। कुछ जगह लगे हुए हैं, लेकिन स्वच्छता की गाइडलाइन तोड़कर स्थापित किया गया। अब यह दिक्कत दे सकते हैं।
नए टॉयलेट भी अटके
नगर निगम तीन जोन क्षेत्रों में निजी एजेंसियों के माध्यम से आठ नए पब्लिक टॉयलेट स्थापित कराना चाहता है, लेकिन तीन माह की मशक्कत के बावजूद कोई काम लेने को तैयार नहीं है। वजह है टॉयलेट्स आॅपरेशन के दौरान गंदगी- गड़बड़ी पर तय किया गया जुर्माना। निगम को शहर में 1.6 करोड़ रुपए आठ टॉयलेट्स बनाने हैं। नगर निगम तीन जोन में 8 नए पब्लिक टॉयलेट स्थापित करने के लिए प्रयास कर रहा है। जोन 14, 15 व 16 के वार्ड क्रमांक 56, 60, 61, 63, 65, 66 व 67 में नए टॉयलेट स्थापित करना है। लेकिन अब समय भी नहीं बचा है कि इस दिशा में काम किया जा सके।
क्या है जुर्माने का खेल
- केयर टेकर नहीं मिला या रिकॉर्ड रजिस्टर नहीं मिला तो 500 रुपए जुर्माना
- हैंडवॉश, सेनिटाइजर, डस्टबिन नहीं होने पर 200 रुपए जुर्माना
- नल लीकेज पर 300 रुपए जुर्माना
- वॉशबेसिन गंदा 300 रुपए जुर्माना
- टॉयलेट की अंदरूनी- बाहरी पेंटिंग ठीक नहीं तो 50 हजार रुपए जुर्माना
- टॉयलेट में पानी नहीं तो 1000 जुर्माना
- टॉयलेट में गलत फिटिंग्स पर 1000 रुपए प्रतियूनिट जुर्माना
- हैंडीकेप्ड टॉयलेट में कमी पर 2000 रुपए प्रति टॉयलेट प्रतिदिन जुर्माना।