ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी अग्रणी राज्यों में शामिल है मध्यप्रदेश : प्रमुख सचिव शुक्ला
भोपाल
मध्यप्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस कॉन्क्लेव-2023 का प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला ने कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में शुभारंभ किया। इस अवसर पर एमडी एमपीआईडीसी डॉ. नवनीत मोहन कोठारी, सीआईआई भोपाल जोन के चेयरमेन सिद्धार्थ अग्रवाल उपस्थित थे।
प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भी देश में अग्रणी राज्यों में शामिल है। मध्यप्रदेश में उद्योगपतियों को इण्डस्ट्री स्थापित करने के लिये अनुकूल वातावरण प्रदान किया जा रहा है। मध्यप्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है। यहाँ के कई कृषि उत्पाद देश ही नहीं, वरन् विश्व में ख्याति-प्राप्त हैं। यहाँ का बासमती चावल, शरबती गेहूँ, चना सहित अन्य उत्पाद देश-विदेशों में निर्यात किये जा रहे हैं। यूक्रेन को गेहूँ का निर्यात किया गया। प्रदेश में कई डेडिकेटेड ज़ोन जैसे मेडिकल डिवाइस पार्क, लेदर पार्क, इलेक्ट्रॉनिक पावर डिवाइस पार्क आदि बनाये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में यातायात एवं लॉजिस्टिक की बेहतर सुविधाएँ हैं। एमपी से कई नेशनल कॉरिडोर्स जैसे दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-नागपुर निकल रहे हैं। इसके अलावा उद्योग नीति को ज्यादा से ज्यादा सरल बनाया जा रहा है तथा उसके आसान क्रियान्वयन पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य उद्योगों एवं संबंधित विभागों के बीच प्रक्रियाओं को सरल बनाने के बारे में चर्चा के लिये उपयुक्त मंच प्रदान करना है।
एमडी, एमपीआईडीसी डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने कहा कि कॉन्क्लेव में मिले सार्थक सुझावों को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पॉलिसी में शामिल किया जायेगा। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत राज्य ने कई सुधार किये हैं, जिनमें उद्योगों को 3 साल की अवधि के लिये अनुमोदन और निरीक्षण से छूट, स्टार्ट योर बिजनेस इन 30 डेज, विभिन्न अधिनियमों एवं नियमों के तहत दण्डात्मक प्रावधानों को अपराधमुक्त करना शामिल है। राज्य ने इसमें भी अग्रणी भूमिका निभाई है। भारत सरकार द्वारा शुरू किये गये सुधारों जैसे बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान, अनुपालन प्रक्रिया का सरलीकरण, नेशनल सिंगल विण्डो सिस्टम पर ऑनबोर्डिंग आदि का क्रियान्वयन किया है। कॉन्क्लेव में प्रमुख सचिव शुक्ला एवं अन्य अतिथियों ने "मध्यप्रदेश ईओडीबी (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) इनिशिएटिव्स" बुकलेट का विमोचन किया।
कॉन्क्लेव में व्यापारिक माहौल में सुधार लाने और निवेश को आकर्षित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी दी गई। उद्योगों की स्थापना एवं कामकाज के लिये महत्वपूर्ण सेवाएँ प्रदान करने वाले विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों एवं उद्योगपतियों के बीच इंटरएक्टिव सेशन हुए। नीति आयोग, उद्योग और आंतरिक संवर्धन विभाग, डीपीआईआईटी भारत सरकार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, शहरी विकास और आवास, ऊर्जा, वाणिज्यिक कर, राजस्व, श्रम, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और एमएसएमई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने उद्योगपतियों की समस्याएँ सुनी एवं सुझावों का स्वागत किया।
कॉन्क्लेव में प्रत्येक विभाग के लिये ईओडीबी क्लीनिक स्टॉल लगाये गये थे, जहाँ उद्योगपतियों को मार्गदर्शन और समस्या का समाधान मिला।
नीति आयोग के वरिष्ठ विशेषज्ञ रूपेश सिंह, वाणिज्यिक कर विभाग एवं उत्पाद शुल्क की प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी, एमएसएमई सचिव एवं उद्योग आयुक्त पी. नरहरि, प्रमुख सचिव श्रम सचिन सिन्हा, संयुक्त नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन श्रीमती माया अवस्थी, एमडी एमपी पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड और सचिव ऊर्जा रघुराज एम. राजेन्द्रन, निदेशक डीपीआईआईटी केन्द्र सरकार श्रीमती सुप्रिया देवस्थली, पूर्व अध्यक्ष सीआईआई अनुराग श्रीवास्तव, उप सचिव शहरी विकास एवं आवास के.वी.एस. चौधरी और सदस्य सचिव एमपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चन्द्रमोहन ठाकुर ने विभिन्न सत्रों में अपने-अपने विभाग द्वारा किये जा रहे नवाचारों की जानकारी दी।