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Karnataka HC ने खारिज की गैंगस्टर रवि पुजारी की जमानत याचिका, देशभर में लगभग 200 से अधिक मामले दर्ज

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बेंगलुरु
 न्यायमूर्ति श्रीनिवास हरीश कुमार की अध्यक्षता वाली कर्नाटक उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ ने गैंगस्टर रवि पुजारी उर्फ रविप्रकाश की जमानत याचिका खारिज कर दी है। साथ ही, कोर्ट ने मुकदमे में देरी के लिए सरकारी वकील को जिम्मेदार ठहराया है।

मुकदमे में हुई देरी के लिए सरकारी वकील जिम्मेदार
सरकारी अभियोजक गवाहों से जिरह करने में विफल रहे हैं, जबकि ट्रायल कोर्ट ने बहुत पहले ही आरोप तय कर दिए थे। न्यायाधीश ने गुरुवार को कहा कि सरकारी अभियोजक द्वारा गवाहों को बुलाया जाना चाहिए और अदालत के सामने लाया जाना चाहिए। ट्रायल कोर्ट एक साल के भीतर सुनवाई पूरी करेगा। न्यायाधीश ने कहा, "अगर मुकदमा एक साल के भीतर पूरा नहीं हुआ तो, सरकारी अभियोजक जिम्मेदार होगा।"

हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी शुरू नहीं हुआ मुकदमा
पुजारी के वकील ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद, मुकदमा शुरू नहीं हुआ है। अदालत के आदेश के ढाई साल बाद भी, एक भी गवाह से पूछताछ नहीं की गई है। अगर मुकदमे में देरी हो रही है इस संबंध में, जनता का न्यायपालिका पर से विश्वास उठ जाएगा।

200 से अधिक मामले दर्ज
सरकारी वकील ने बताया कि रवि पुजारी के खिलाफ कर्नाटक में 107, महाराष्ट्र, केरल, गुजरात और राजस्थान में 20 मामले लंबित हैं। चूंकि, आरोपी को जांच के लिए अलग-अलग राज्यों में ले जाया जा रहा था, इसलिए मौजूदा मामले की सुनवाई में देरी हो रही है।

रियल एस्टेट में डर पैदा करने के लिए हत्या की कोशिश

वर्तमान मामले में, यह आरोप लगाया गया है कि रवि पुजारी के निर्देश पर, उसके 17 गुर्गों ने रियल एस्टेट उद्योग में डर पैदा करने के इरादे से जनवरी और 15 फरवरी, 2007 के बीच शबनम डेवलपर्स के रिश्तेदार केएस समीउल्लाह और उनके दोस्तों को मारने की कोशिश की। साथ ही, रियल स्टेट के लोगों से पैसे की उगाही कर रहे थे।

कई धाराओं के तहत मामला दर्ज
आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307 और आर्म्स एक्ट की धारा 3 और 25 के तहत मामला दर्ज किया गया था। रवि पुजारी समेत पांच आरोपियों के फरार होने के कारण मामला बंट गया था। मामले के बाकी आरोपियों को बरी कर दिया गया। पुजारी ने इस मामले में जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

तिलक नगर पुलिस स्टेशन द्वारा दायर मामले में आई अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट, बेंगलुरु द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में रवि पुजारी को सेनेगल से प्रत्यर्पित किया गया और 21 फरवरी, 2020 को भारत लाया गया। वह तब से हिरासत में है और देशभर के कई राज्यों में अलग-अलग मामलों का सामना कर रहा है।