नई दिल्ली
भारत सरकार ने घरेलू मांग को देखते हुए गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे वैश्विक बाजार में चावल की कीमतें तेजी से ऊपर जाने की आशंका बढ़ गई है. भारत के निर्यात प्रतिबंध से संयुक्त अरब अमीरात को भी बड़ा झटका लगा है. भारत यूएई के शीर्ष चावल आपूर्तिकर्ताओं में शामिल है और निर्यात प्रतिबंध के कारण यूएई में चावल की कीमतों में उछाल आया है.
इसे लेकर यूएई के व्यापारी दूसरे विकल्पों की तलाश में जुट गए हैं जिससे चावल की कीमतों को बढ़ने से रोका जा सके.
यूएई के अंग्रेजी अखबार को बाजार से संबंधित सूत्रों ने बताया कि हालांकि, अब तक चावल पर भारत के प्रतिबंध का यूएई में खुदरा चावल की कीमतों पर सीमित प्रभाव पड़ा है.
भारतीय खाद्यान्नों के सबसे बड़े आयातकों में से एक, दुबई स्थित आदिल ग्रुप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. धनंजय दातार ने कहा, 'भारत हमेशा से यूएई को चावल का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है. प्रतिबंधों से स्थानीय बाजार में भारतीय चावल की तत्काल कमी होगी जिससे लोगों को चावल की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाएगी. इससे कीमतों में अस्थिरता आ सकती है. यूएई में व्यापारियों और खाद्यान्न आयातकों के लिए भारत के विकल्प की तलाश करना इस समय की जरूरत है.'
गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध से भी यूएई को लगा था झटका
भारत ने घरेलू कीमतों को स्थिर रखने के लिए पिछले दो सालों से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है जिससे वैश्विक बाजार में गेहूं की कीमतों में उछाल आया है. यूएई पर भी इसका असर पड़ा है और अब चावल की कीमत बढ़ने से यूएई को एक बार फिर झटका लगा है.
यूएई के व्यापारियों को रूस-यूक्रेन के बीच काला सागर का समझौता रद्द हो जाने के कारण हाल ही में बड़ा नुकसान हुआ है और अब भारत सरकार का फैसला उनकी मुश्किलें बढ़ा रहा है. गेहूं का सबसे बड़े वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं में शामिल यूक्रेन काला सागर के जरिए विश्व बाजार में गेहूं भेजता था लेकिन रूस ने काला सागर समझौता रद्द कर दिया है जिससे गेहूं की कीमतों में तेजी से उछाल आया है.
यूएई के स्थानीय चावल आयातक चावल आयात के लिए अब थाईलैंड, वियतनाम या पाकिस्तान का रुख कर रहे हैं. वहीं, गेहूं के लिए वो ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की तरफ मुड़ रहे हैं.
यूएई के एक स्थानीय फर्म में कमोडिटी ट्रेडिंग के प्रमुख ने कहा, 'भारत ने गैर-बासमती चावल पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन यूएई के पास विकल्प मौजूद है और मुझे लगता है कि चावल की कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी और इसे कुछ ही हफ्तों में नियंत्रित कर लिया जाएगा.'
अमेरिका में चावल खरीदने के लिए सुपरमार्केट्स में जुटे लोग
भारत जिन पांच देशों को सबसे अधिक गैर-बासमती चावल का निर्यात करता है, उनमें अमेरिका भी शामिल है. भारत के चावल पर प्रतिबंध की खबर के बाद से ही अमेरिका में लोग पैनिक खरीददारी कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हैं जिनमें लोग सुपरमार्केट्स में दस-दस पैकेट चावल खरीद रहे हैं.
पैनिक खरीददारी को देखते हुए दुकानदारों ने चावल की कीमतेंं भी बढ़ा दी है. अमेरिका में नौ किला चावल का एक पैकेट 27 डॉलर यानी 2215 रुपये में बेचा जा रहा है.