जगदलपुर
बस्तर में स्थित चित्रकोट वाटरफॉल में नाबालिग लड़की के कूदने का वीडियो सामने आया है। चित्रकोट चौकी पुलिस के मुताबिक, लड़की ने 90 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई। फिर तैरकर खुद ही बाहर निकल गई।
पूछताछ में बताया कि वह पेरेंट्स के मोबाइल यूज नहीं करने देने से नाराज थी। इसलिए खुदकुशी की कोशिश की।
लोग बचाने के लिए आवाज लगाते रहे, लेकिन वह कूद गई
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, युवती चित्रकोट गांव के पुजारी पारा की रहने वाली है। मंगलवार अचानक वह वाटरफॉल पहुंची। वीडियो में देखा जा सकता है कि लड़की वाटरफॉल के बीच एक चट्टान पर खड़ी है।
वहां मौजूद लोग युवती को आवाज देकर रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इससे पहले कि कोई युवती तक पहुंच पाता देखते ही देखते उफनते वाटरफॉल में वह छलांग लगा देती है। लड़की पानी में कुछ देर तैरती है। फिर करीब 70 फीट पानी के साथ नीचे गिरती है। फिर तैरकर सुरक्षित बाहर निकल आती है।
क्या है पूरा मामला
लड़की का नाम सरस्वती मौर्य है और उसकी उम्र 21 साल है। वह अपना ज्यादातर समय मोबाइल में बिताती है। परिजन उसकी इस आदत से परेशान हैं और उसे डांटते रहते हैं। मंगलवार को एक बार फिर पिता संतो मौर्य ने उसे मोबाइल को लेकर डांट दिया। नाराज होकर युवती वाटरफॉल पर पहुंच गई और छलांग लगा दी। इस दौरान वाटरफॉल पर मौजूद लोगों ने उसे रोकने की काफी कोशिश की लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी और छलांग लगा दी। हालांकि वह कुछ देर बाद ही तैरकर बाहर आ गई।
गलती का हुआ अहसास
वाटरफॉल से छलांग लगाने के बाद सरस्वती को अपनी गलती का अहसास हुआ। इसके बाद वह खुद को डूबने से बचाने के लिए तैरकर बाहर आने की कोशिश करने लगी। मामले पर चित्रकोट पुलिस का कहना है कि चित्रकोट वाटरफॉल के पास सुरक्षा के लिए तैनात गांववाले नाव लेकर युवती के पास पहुंचे और उसे बचा लिया। पुलिस के मुताबिक, सरस्वती चित्रकोट गांव की रहने वाली है। वह एक होटल में काम करती है। बता दें कि इससे पहले पिछले साल भी एक युवती ने वाटरफॉल से छलांग लगाई गई थी।
पुलिस की पूछताछ में हुआ खुलासा
नाबालिग ने पुलिस को पूछताछ मैं बताया कि वह पेरेंट्स से नाराज थी। वे मोबाइल नहीं देते थे। इसलिए सुसाइड करने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि, मेडिकल टेस्ट के बाद नाबालिग को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है।
जल प्रपात के आसपास सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं
बारिश की वजह से यह चित्रकोट वाटरफॉल बेहद खूबसूरत दिखता है। इसे देखने के लिए हजारों लोग रोज पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सैलानियों की सुरक्षा के लिए यहां कोई खास इंतजाम नहीं किया गया है। इससे पहले भी यहां कई बार ऐसे हादसे हो चुके हैं। इस वाटरफॉल 'मिनी नियाग्रा' भी कहा जाता है।