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भाषाओं की ‘सिरमौर’ बन रही हिंदी! अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में खुल रहे स्कूल

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लखनऊ

‘हिंदी हैं हम’….ये आवाज आज विश्व पटल पर गूंज रही है। हिंदी बीते सालों में आम आदमी की सोच में अपनी जगह बनाने में कामयाब रही है। भाषाई जद्दोजहद के बीच हिंदुस्तानियों की तेज रफ्तार से आज हिंदी की विश्व में पैठ बढ़ी है। भाषावेत्ता उम्मीद जताते हैं कि बहुत जल्द अपनी हिंदी भाषाओं की सिरमौर बन सकती है। इसकी लोकप्रियता ही है कि बड़ी संख्या में विदेशी भी हिंदी सीखना चाहते हैं। अपने देश में हिंदी की संभावना तलाशने के लिए विदेशों के प्रतिनिधिमंडल भारत आ रहे हैं।

आगरा स्थित केंद्रीय हिंदी संस्थान में रूस का एक दल बुधवार को पहुंचा। मास्को स्टेट विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा में संस्थान के निदेशक, रजिस्ट्रार और विभागाध्यक्ष के साथ अन्य केंद्रों के रजिस्ट्रार भी ऑनलाइन जुड़े। मॉस्को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के प्रति कुलपति डॉ ईगर पुतिनत्सेव और रूसी दूतावास के अधिकारी मिखाइल अंत्सीफेरोव ने यहां कहा कि आज हिंदी लोगों को विश्वभर में जोड़ने का काम कर रही है। हम हिंदी की संभावनाएं तलाशने आए हैं। हिंदी में रिसर्च को बढ़ावा देना है। हमारा देश चाहता है कि हिंदी और मानवता को लेकर दोनों देश मिलकर और ज्यादा काम करें। याद रहे 170 से अधिक देशों के विश्वविद्यालयों में पहले से ही हिंदी विभाग संचालित किए जा रहे हैं।

लघु अवधि के कोर्स शुरू होंगे
रूसी विद्यार्थियों के लिए लघु अवधि के कोर्स शुरू किए जाएं। इसमें हिंदी के साथ भारतीय इतिहास और संस्कृति के शिक्षण पर बल दिया जाएगा। आर्थिक विषय पर भी दोनों देश एक दूसरे का साथ देते रहे हैं। निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय से क्लीयरेंस और विदेश मंत्रालय से अनुमति के बाद इस दिशा में आगे कदम बढ़ाया जाएगा।

शक्तिशाली देशों में खुल रहे स्कूल
रूस ही नहीं, हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में स्कूल खोले जा रहे हैं। अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के बाद राष्ट्रपति बाइडेन को प्रस्ताव सौंपा गया है। अमेरिका में 816 करोड़ रुपये के फंड से 1000 स्कूलों में हिंदी विषय की पढ़ायी करायी जाएगी। कनाडा और ब्रिटेन में भी स्कूल खोलने का प्रस्ताव रखा गया है। सिंगापुर, मॉरीशस, बांग्लादेश, फिजी और नेपाल में पहले ही सेंटर है।

602 मिलियन लोग हिंदी से जुड़े
लिंगुआ लैंग्वेज सेंटर ब्रावर्ड कॉलेज की वेबसाइट के मुताबिक, विश्व भर में 602 मिलियन से ज्यादा लोग हिंदी का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि अंग्रेजी का इस्तेमाल 1. 432 बिलियन लोग करते हैं। लेकिन हिंदी के विशेषज्ञों का कहना है कि हिंदी की लोकप्रियता विश्व में इतनी तेजी से बढ़ी है कि हिंदी इस आंकड़ें को भी पार कर सकती है। प्रधानमंत्री मोदी विदेशों में हिंदी में बात करने को प्राथमिकता देते हैं। और प्रवासी भारतीय हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने में पूरे विश्व में आज ब्रांड अंबेसडर बने हुए हैं।