भोपाल
भोपाल में एक परिवार के सामूहिक सुसाइड करने की दिल दहलाने वाली घटना के बाद अब सरकार मामले की जांच कराएगी। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि इस मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया जा रहा है। इसी के साथ ऐसे एप्लीकेशन चिन्हित करेंगे जिनके नंबरों से उसे धमकी मिली और दबाव डाला गया। इसी के साथ लोन एप्लीकेशन भी चिन्हित किए जाएंगे और केंद्र सरकार से उन्हें बैन करने का आग्रह करेंगे। इसी के साथ सर्वर और टेलीग्राम की जानकारी भी इकट्ठी की जा रही है जिससे उन्हें बैन किया जा सके।
बता दें कि भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ इलाके में एक परिवार लोन और ब्लैकमेलिंक की बलि चढ़ गया। पति पत्नी ने अपनो दो मासूम बच्चों को जहर दे दिया और उसके बाद दोनों ने फांसी लगा ली। 38 साल के भूपेन्द्र विश्वकर्मा, उनकी पत्नी रितु, बेटे ऋतुराज (3) और ऋषिराज (9) के शव घर से बरामद किए गए। इस मामले में मृतक का सुसाइड नोट बरामद हुआ था जिसमें उसने लिखा था कि ऑनलाइन लोन कंपनियों के परेशान होकर उन्होने ये कदम उठाया है। चार पेज को सुसाइड नोट में उसने लिखा कि वो ऑनलाइन जॉब का शिकार हो गया और कर्ज में डूब गया।
इसके बाद उस कंपनीवालों ने बात-बात पर पैसे का दबाव बनाना शुरू दिया और जून में लोन का कर्जा इतना ज्यादा हो गया कि लोन रिकवर करने वालों ने धमकाना शुरू कर दिया। वहीं, जुलाई में लोन वालों ने फोन हैक करके उसकी डिटेल्स निकाल कर उसके रिश्तेदारों और दोस्तों को ब्लैकमेल करने लगे। इस सनसनीखेज घटना के सामने आने के बाद अब सरकार ऐसे लोन ऐप्स पर शिकंजा कसने की तैयारी में है और मामले की जांच भी कराई जाएगी।
अंतिम संस्कार से पहले शव रखकर चक्काजाम
रीवा के अंबा गांव में एक ही परिवार के चार शवों का अंतिम संस्कार हुआ तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। ये शव भोपाल में रह रहे भूपेंद्र विश्वकर्मा, उनकी पत्नी रितु, दोनों बेटों ऋषिराज और ऋतुराज के थे।
परिवार के चार सदस्यों को एक साथ खोने वाले परिजन निराश होने के साथ ही आक्रोशित भी हैं। अंतिम संस्कार से पहले उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों के साथ चारों शवों को जबलपुर-प्रयागराज नेशनल हाईवे पर रखकर चक्काजाम कर दिया था। इस दौरान हाईवे के दोनों तरफ 5 किलोमीटर तक वाहनों की लाइन लगी रही।
मामला बढ़ता देख हुजूर SDM अनुराग तिवारी, नायब तहसीलदार यतीश शुक्ल, बनकुइया सर्किल की नायब तहसीलदार ममता पटेल, CSP शिवाली चतुर्वेदी, विश्वविद्यालय थाना प्रभारी विद्या वारिधि तिवारी, चोरहटा थाना प्रभारी अवनीश पाण्डेय, महिला थाना प्रभारी निशा मिश्रा और यातायात सूबेदार अखिलेश कुशवाहा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
चक्काजाम कर रहे लोगों की मांग थी कि एक करोड़ रुपए मुआवजा, परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी और मामले की CBI जांच कराई जाए। काफी समझाइश के बाद भी वे प्रदर्शन खत्म करने पर तैयार नहीं हुए। इस पर भोपाल पुलिस ने आश्वासन दिया कि केस की विस्तृत जांच की जाएगी। जरूरत पड़ेगी तो CBI जांच करवाई जाएगी। विश्वकर्मा परिवार को 25 हजार रुपए की तत्काल मदद भी की गई। पांच हजार पंचायत, 10 हजार SDM और 10 हजार विधायक निधि से दिए गए। मदद और आश्वासन मिलने के बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया गया।
भोपाल के रातीबड़ में भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) ने गुरुवार को अपने दोनों बच्चों ऋषिराज (9) और ऋतुराज (3) को जहर पिला दिया था। इसके बाद पत्नी रितु (35) के साथ फांसी लगाकर सुसाइड कर ली थी। गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात तीन बजे परिजन चारों के शव लेकर पैतृक गांव अंबा पहुंचे। शुक्रवार सुबह अंतिम संस्कार के लिए चार अर्थी श्मशान घाट के लिए एक साथ रवाना हुईं, लेकिन परिजन शव लेकर हाईवे पर बैठ गए।