नई दिल्ली
मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर खंडित फैसला सुनाया है। अब यह याचिका बड़ी बेंच को ट्रांसफर की जाएगी। दरअसल, नकदी के बदले नौकरी मामले में सेंथिल बालाजी ईडी की हिरासत में हैं।
14 जून से ईडी की हिरासत में सेंथिल बालाजी
नौकरी के बदले नकदी मामले में गिरफ्तार तमिलनाडु सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी की पत्नी ने मद्रास हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इस याचिका पर मंगलवार को मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इसके बाद कोर्ट की ओर से इस पर खंडित फैसला सुनाया गया है। अब इस याचिका को बड़ी बेंच को भेजा जाएगा। गौरतलब है कि सेंथिल बालाजी 14 जून से ईडी की हिरासत में हैं।
सुनवाई योग्य नहीं याचिका
इससे पहले 27 जून को हुई सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मंगलवार को मद्रास हाईकोर्ट में ईडी की ओर से बहस की थी। उस दौरान तुषार मेहता ने कहा कि सेंथिल बालाजी के पक्ष में यह याचिका सुनवाई के योग्य ही नहीं है, क्योंकि सीआरपीसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से किया इनकार
एस मेगाला ने अपने पति सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। गिरफ्तारी के बाद सेंथिल बालाजी के छाती में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 15 जून को मद्रास हाईकोर्ट ने सेंथिल बालाजी को निजी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया था।