मेरठ
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने रविवार को जेईई एडवांस का परिणाम जारी कर दिया है। जेईई मेन के दूसरे सत्र में दमदार प्रदर्शन करने वाले युवाओं ने एडवांस में भी अपने प्रदर्शन को बेहतर किया है। मेरठ के निपुण गोयल को ऑल इंडिया 40वीं रैंक मिली है।
यश जैन को मिली 705वीं आल इंडिया रैंक
वहीं जेईई मेन में ऑल इंडिया रैंक 497 पाने वाले भव्य बंसल को जेईई एडवांस में 54वीं ऑल इंडिया नहीं मिली है। इनके साथ ही निपुण गोयल के जुड़वा भाई निकुंज गोयल को जेईई एडवांस में ऑल इंडिया रैंक 120 मिली है। यह सभी विद्यार्थी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के निकट स्थित फिटजी कोचिंग संस्थान में तैयारी कर रहे थे। इनके अलावा जेईई एडवांस के लिए प्रवेश लेने वाले उत्कर्ष गुप्ता को 328वीं रैंक मिली है और यश जैन को 705वीं ऑल इंडिया रैंक मिली है।
जेईई मेन से एडवांस में नीचे खिसके जुड़वा भाई
जेईई मेन के पहले और दूसरे सत्र में कमाल करने वाले जुड़वा भाइयों निपुण और निकुंज गोयल ने जेईई एडवांस में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। ऑल इंडिया रैंक में थोड़ा नीचे जरूर खिसके हैं लेकिन उनका प्रदर्शन टॉपर्स का ही रहा है। जेईई मेन के दोनों सत्र के बाद एडवांस के लिए जारी रैंकिंग में निपुण को आल इंडिया 13वीं रैंक मिली थी। वहीं निकुंज को आल इंडिया 58वीं रैंक मिली थी। दोनों ही भाई आइआइटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस करना चाहते हैं।
दूसरे सत्र में एडवांस पर रहा अधिक फोकस
निपुण व निकुंज ने जेईई के पहले सत्र में दमदार प्रदर्शन करने के बाद दूसरे सत्र में भी हिस्सा लिया। दूसरे सत्र की तैयारी के दौरान दोनों का फोकस एडवांस की तैयारी पर ही अधिक रहा। निपुण के अनुसार जेईई मेन की तैयारी में एकाग्रता और निरंतरता का बहुत बड़ा योगदान रहा। सभी अभ्यर्थियों को तैयारी में इन दोनों बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए। मूल रूप से आवास विकास कालोनी हापुड़ के रहने वाले निपुण और निकुंज मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के निकट स्थित संस्था में जेईर्ई मेन की तैयारी की।
रामायण व महाभारत पढ़ते हैं दोनों भाई
निपुण और निकुंज का कहना है कि महाभारत, रामायण, गीता जीवन के अभिन्न अंग हैं। हर विद्यार्थी को इनसे सीख लेनी चाहिए। वह भी जनता इन्हें पढ़ते हैं और इनसे सीख लेते रहते हैं। निकुंज ने बताया कि उन्हें ड्राइंग करना बेहद पसंद है। पहले उन्होंने अपने पसंदीदा राजनैतिक व्यक्तित्व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और अटल बिहारी वाजपेयी का पोर्ट्रेट बनाया था। जेईई मेन की तैयारी शुरू हुई तो ड्राइंग छूट गई। अब जेईई एडवांस के रिजल्ट में भी सफलता मिलने के बाद एक बार फिर ड्राइंग करना शुरू करेंगे। वहीं निपुण बास्केटबाल खिलाड़ी थे और स्कूली टीम का हिस्सा भी थे। निपुण आइआइटियन बनकर शिक्षा के क्षेत्र के कार्य करना चाहते हैं। निपुण को जहां दिनकर की रश्मि रति पसंद है वहीं निकुंज को मुकेश कुमार का गीत, एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल, गीत बेहद पसंद है।
अवसर तय करेंगे आगे की राह
निपुण और निकुंज के अनुसार अब तक वह हर कक्षा में एक ही सेक्शन में पढ़ते आए हैं। दोनों के अंकों में भी बहुत ज्यादा अंतर नहीं रहा है। फिलहाल तो दोनों आइआइटी से कंप्यूटर साइंस ही करना चाहते हैं। साथ ही यह भी मानते हैं कि आइआइटी में अवसरों की भरमार हैं। वहां पहुंचने पर जो अवसर मिलेगा उसी के अनुरूप दोनों भाइयों का साथ निर्भर करेगा। बेटों की सफलता से पिता संजय गोयल और माता नीरू गोयल बेहद खुश हैं।
वैज्ञानिक बनना चाहते हैं 443 रैंक ऊपर चढ़ने वाले भव्य बंसल
जेईई मेन में मेरठ जिले के टापर रहे भव्य बंसल को आल इंडिया 497वीं रैंक मिली थी। उन्हें 99.96 एनटीए स्कोर मिले हैं। अब जेईई एडवांस में भव्य को 54वीं ऑल इंडिया रैंक मिली है। उन्होंने मेन से एडवांस में 443वीं रैंक की चढ़ाई की है। गंगानगर के रहने वाले भव्य बंसल ने जेईई में सफलता जरूर हासिल की है लेकिन उनका लक्ष्य आइआइटी से इंजीनियरिंग करना नहीं बल्कि इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस बेंगलुरू पहुंचकर वैज्ञानिक बनना है। भव्य ने यह लक्ष्य कक्षा दो में ही तय कर लिया था और अब तक उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्हें पूरा यकीन है कि वह अपने इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।
चल पड़े हैं विज्ञान की राह पर
भव्य ने 28 जनवरी को होमी भाभा साइंस सेंट की ओर से आयोजित राष्ट्रीय ओलंपियाड में केमिस्ट्री विषय में हिस्सा लिया था जिसमें वह चयनित हुए हैं। नौ मई से मुंबई स्थित होमी भाभा साइंस सेंटर में वह 10 दिवसीय विज्ञान शिविर में रहे। इसके साथ ही वह किशोर विज्ञान प्रोत्साहन योजना के अंतिम बैच में दो वर्ष पहले सफल हुए थे। भव्य के पिता पारितोष बंसल बिजनेसमैन और माता अंजू बंसल कंपनी सचिव हैं।