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डिफॉल्ट होने से पहले पाकिस्तान को बचाने की आखिरी कोशिशें तेज, चीन ने एक अरब डॉलर की मदद दी

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 नई दिल्ली  
आईएमएफ से बेलऑउट पैकेज मिलने की करीब करीब उम्मीद खत्म होने के बाद सहयोगी देशों ने पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने से बचाने के लिए आखिरी कोशिशें तेज कर दी हैं और चीन ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर री-फाइनेंस करने की घोषणा कर दी है। चीन की इस घोषणा के बाद पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में तेज उछाल आया है और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने चीन से एक अरब डॉलर के ऋण पुनर्वित्त की पुष्टि की है। कर्ज री-फाइनेंस या ऋण पुनर्वित्त का मतलब ये होता है, कि पुराने कर्ज की अवधि, ब्याज दर और उसकी शर्तों में परिवर्तन करना। दरअसल, पाकिस्तान के बैंक में चीन का रखा हुआ एक अरब डॉलर इस महीने मेच्योर हो रहा था, जिसके बाद पाकिस्तान को इसी महीने एक अरब डॉलर चीन को चुकाना था, लेकिन पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार काफी कम बचा है। ऐसे में चीन ने पाकिस्तान के बैंक में रखा हुआ 1 अरब डॉलर, फिलहाल नहीं निकालने का फैसला किया है।
 
चीन ने पाकिस्तान को बड़ी राहत दी
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने वित्त और राजस्व पर नेशनल असेंबली की स्थायी समिति को एक दिन पहले बताया था, कि चीन ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर के ऋण को पुनर्वित्त करने की पाकिस्तान की अपील को स्वीकार कर लिया है। डार ने सीनेटर्स से कहा था, कि 'चीन से एक अरब डॉलर आज या सोमवार को मिल जाएंगे।' उन्होंने यह भी कहा था, कि 300 मिलियन डॉलर के ऋण के लिए बैंक ऑफ चाइना के साथ बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा, कि पाकिस्तान को चीन के अदला-बदली समझौते के तहत डॉलर भी मिलेंगे। यानि, पाकिस्तान चीन को अपनी करेंसी देगा और बदले में डॉलर लेगा।

आपको बता दें, कि पाकिस्तान इसी महीने डिफॉल्ट कर सकता है, अगर उसने 6 अरब डॉलर की व्यवस्था नहीं की। ये 6 अरब डॉलर पाकिस्तान को विदेशी कर्ज के तौर पर चुकाने हैं, जिसमें से चीन से उसे 1 अरब डॉलर की राहत मिल गई है। पाकिस्तानी स्टेट बैंक ने बताया है, कि पाकिस्तान के तमाम बैंकों को मिलाकर, जिसमें निजी कॉमर्शियल बैंक्स भी शामिल हैं, पाकिस्तान के पास 9.4 अरब डॉलर बचे हुए हैं, जबकि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास करीब 4 अरब डॉलर बचे हैं। वहीं, चीन से एक अरब डॉलर मिलने के बाद अब पाकिस्तान के पास 10.4 अरब डॉलर का कुल विदेशी मुद्रा भंडार हो जाएगा।