लखनऊ
प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हजारों छात्र-छात्राओं को पिछले शैक्षिक सत्र में छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि मिलकर भी नहीं मिली। ऐसे कई प्रकरण मिले हैं, जिनमें छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि स्वीकृत हुई, उनके बैंक खातों में भेजी भी गई, मगर ट्रांजेक्शन फेल हो गया और उन लाभार्थियों को छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा मिल कर भी नहीं मिल पाई।
तमाम ओबीसी छात्र-छात्राएं ऐसे भी रहे जिनके प्राप्तांक 63.3 प्रतिशत से कम रहे और उनके आवेदनों पर विचार करने के बाद वरीयता क्रम में उन्हें पीछे छोड़ कर ज्यादा प्राप्तांक वाले आवेदकों की छात्रवृत्ति व फीस भरपाई स्वीकृत कर दी गई।
पिछड़ा वर्ग निदेशालय को छात्रवृत्ति व फीस भरपाई के लिए पिछले शैक्षिक सत्र में 1200 करोड़ रुपये का बजट मिला था और आवेदन आए थे करीब 20 लाख। इनमें से 15 लाख आवेदकों को ही छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि मिल पाई, बाकी पांच लाख आवेदक यह सरकारी सुविधा पाने से वंचित रह गए। इसके अलावा कक्षा 10 से नीचे की कक्षाओं में पढ़ने वाले करीब एक लाख बच्चों को छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की सुविधा नहीं मिल सकी।
हालांकि प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेन्द्र कश्यप कह चुके हैं कि आगामी शैक्षिक सत्र से इस बात के पूरे प्रयास किए जाएंगे कि कोई भी पात्र आवेदक छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा पाने से वंचित न रह गए।