तेलंगाना
समान नागरिक संहिता (uniform civil code) बनाने को लेकर 22वें राष्ट्रीय विधि आयोग ने आम जनता से विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटका रही है। वहीं समान नागरिक संहिता को लेकर अब तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर राव (KCR) की भी प्रतिक्रिया आई है। समान नगारिक संहिता पर विधि आयोग की ओर से धार्मिक निकायों से राय मांगे जाने के बारे में बोलते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि देश की सरकार ‘‘राजनीति में धर्म गुरुओं को ला रही हैं”।
चंद्रशेखर राव ने कहा कि केंद्र धर्म गुरुओं को राजनीति में क्यों ला रही है? धर्म गुरुओं को मठ चलाना चाहिए और पूजा करनी चाहिए। वे (केंद्र सरकार) उनका प्रवेश कराकर हंगामा कर रहे हैं। विधि आयोग ने आम जनता से विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है अगले एक महीने में आयोग ने जनता, सार्वजनिक संस्थान और धार्मिक संस्थानों व संगठनों के प्रतिनिधियों से विचार विमर्श की प्रक्रिया पूरी करने का एलान किया है. आयोग ने कहा है कि जो लोग रुचि रखते हैं और इच्छुक हैं वे नोटिस की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर आयोग की बेबसाइट के माध्यम से या membersecretary-lci@gov.in पर ईमेल द्वारा भारत के विधि आयोग को अपने विचार प्रस्तुत कर सकते हैं।
वहीं KCR ने कहा कि उनकी भारत राष्ट्र समिति (BRS) महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (MVA) से गठबंधन नहीं करेगी और नगर निकाय, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में राज्य की हर सीट पर अकेले चुनाव लड़ेगी। क्या उनकी पार्टी तीन दलों (शिवसेना-UBT, कांग्रेस और राष्ट्रवाटी कांग्रेस पार्टी) वाले एमवीए से गठबंधन करेगी? इसके जवाब में चंद्रेशखर राव ने कहा, ‘‘हमने बहुत से मोर्चा, संयुक्त मोर्चा और राष्ट्रीय मोर्चा देखे हैं, लेकिन ये पर्याप्त नहीं थे। इसलिए हम बीआरएस का एजेंडा तैयार कर रहे हैं।