इंदौर
देश में खाद्यान्य का कुल उत्पादन 2 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ रहा है। फरवरी और मार्च के अनिश्चित मौसम के बावजूद केंद्र सरकार के कृषि विभाग ने देश के खाद्यान्य उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान जताया है। विभाग की ओर से तीसरा एडवांस एस्टीमेट जारी किया गया है। इसमें रबी फसलों के साथ रबी और खरीब के बीच बोई जाने वाली फसलों को भी शामिल किया गया है। गेहूं, चावल और तिलहन के उत्पादन में दूसरे अनुमान के मुकाबले तीसरे एस्टीमेट में वृद्धि बताई गई है। हालांकि दलहन का उत्पादन कम हुआ है।
कृषि विभाग के अनुसार चावल का उत्पादन 135.54 मिलियन टन रहने की उम्मीद है। दूसरे एस्टीमेट में इसे 130.87 मिलियन टन आंका गया था। गेहूं का उत्पादन भी 112.74 मिलियन टन रहेगा जो दूसरे एडवांस एस्टीमेट में 112.18 मिलियन टन था। मोटे अनाज के उत्पाद में भी करीब दो मिलियन टन की वृद्धि आंकते हुए कुल उत्पादन 54.74 मिलियन टन आंका जा रहा है।
दलहन का उत्पादन अनुमान घटकर 27.50 रह गया है जो पहले 27.80 मिलियन टन था। तिलहन के उत्पादन में वृद्धि हुई है। तिलहन का उत्पादन 40.99 मिलियन टन होने की उम्मीद है। जो दूसरे एडवांस एस्टीमेट में 40.01 मिलियन टन था। गन्ने का उत्पादन भी 468.78 से बढ़कर 494.22 मिलियन टन और कपास का उत्पादन 337.23 लाख बाल से बढ़कर 343.47 लाख बाल होने की उम्मीद है।
अनुमान से कपास उद्योग हैरान है। हालांकि सरकार को खाद्यान्न के दामों की महंगाई घटने की उम्मीद है। जबकि दालों को लेकर सरकार कि चिंता बनी हुई है। दालों में महंगाई घटती नजर नहीं आ रही। भारत अपनी जरुरत का 58 प्रतिशत दलहन पहले से आयात कर रहा है।