म्यांमार
चक्रवाती तूफान मोचा 1982 के बाद से बंगाल की खाड़ी में विकसित होने वाला दूसरे सबसे तीव्र चक्रवात है। चक्रवाती तूफान मोचा ने रविवार (14 मई) दोपहर को बांग्लादेश और म्यांमार के रखाइन राज्य में सितवे टाउनशिप के पास दस्तक दी। जिससे इलाके में तबाही मच गया। इमारतों की छतें टूट गईं, पेड़-पौधे गिर गए। इस तबाही में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई।
रिपोर्टों के मुताबिक चक्रवात मोचा ने म्यांमार में कहर बरपाया। वहां सड़कों पर नदियां बह रही थीं। पेड़ उखड़ गए और सितवे के म्यांमार बंदरगाह ने शहर को जलमग्न कर दिया था। मौसम विभाग ने अपने लेटेस्ट बुलेटिन में कहा कि चक्रवात मोचा म्यांमार के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में फिलहाल कमजोर हो गया है। पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की टीमें राज्य के तटीय इलाकों में हाई अलर्ट पर हैं। इस तबाही के बाद हजारों लोगों को म्यांमार के मठों, शिवालयों और स्कूलों में ले जाया गया। म्यांमार के तट पर आए एक शक्तिशाली तूफान की वजब से लोगों को शेल्टर में रहने को मजबूर होना पड़ा। एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 1300 लोगों को शेल्टर में रखा गया है।
स्थानीय मीडिया द्वारा एकत्र किए गए वीडियो में दिखाया गया है कि सड़कों पर पानी कितना ज्यादा बह रहा था। जबकि हवा से पेड़ गिर रहे हैं और छतों से बोर्ड गिर रहे हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक लोग अपने घरों में निचले इलाकों में फंसे हुए थे क्योंकि बस्ती के बाहर रहने वाले उनके रिश्तेदारों ने बचाव की अपील की थी। म्यांमार के रखाइन राज्य की राजधानी सितवे ने चक्रवात मोचा के कारण कुछ क्षेत्रों में भारी बाढ़ का अनुभव किया, जबकि शहर के कुछ हिस्सों में 130 मील प्रति घंटे की गति वाली तेज़ हवाएंं चलीं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि चक्रवात मोचा लगभग दो दशकों में बांग्लादेश में देखा गया सबसे शक्तिशाली तूफान हो सकता है। पश्चिम बंगाल के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है और विभिन्न तटीय इलाकों में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया गया है।