पटना.
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के तीसरे चरणमें किशनगंज जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में जिला परिषद सभागार मेंसमीक्षात्मक बैठक की।समीक्षात्मक बैठक में किशनगंज के जिलाधिकारी श्री विशाल राज ने जिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
जिलाधिकारी ने बिहार स्टूडेंटक्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, हरघर नल का जल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली-नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीणसोलर स्ट्रीट लाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृषि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्रीकृषि विद्युत कनेक्शन योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं कोप्रोत्साहन, स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सासेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति केसंबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। उसके बाद 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए वर्ष 2009 से हमलोगों ने साइकिल योजना शुरू की थी लेकिन जब लड़कों ने मांग शुरू कीतो वर्ष 2010 से उनके लिए भी साइकिल योजना शुरू की गई। मदरसा शिक्षकों को सरकारीमान्यता प्रदान की गई है और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतनदिया जा रहा है, इसे याद रखियेगा। हमलोग सभी जाति-धर्म के लोगों के लिए काम करतेहैं, वह चाहे पुरुष हो या महिला।मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीजइलाज कराने आते थे। हमलोगों ने मुफ्त दवा एवं इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई, जिसकेकारण अब 1 माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहलेबिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 12हो गई है। सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। पी०एम०सी०एच० को 5400 बेडका वर्ल्ड क्लास अस्पताल बनाया जा रहा है। आई0जी0आई0एम0एस0 का भी विस्तार कियाजा रहा है, यहां पर 3000 बेड की सुविधा होगी। हमलोगों ने वर्ष 2015 से सात निश्चययोजना के माध्यम से हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली एवं नाली का निर्माण, हर घरशौचालय, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थाओं तथा वर्ष 2007 से नगरनिकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, इसके तहत अब तक 4 चुनाव होचुके हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिएहर प्रकार से काम किया है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी।वर्ष 2005 में जब हमलोगों की सरकार बिहार में बनी तो वर्ष 2006 में विष्व बैंक से कर्जलेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया। बिहार में अब स्वयंसहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है, जिनसे 1 करोड़ 35 लाख जीविकादीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह का जीविका नाम तथा इससे जुड़ी महिलाओं का नामजीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है। बिहार की जीविका से प्रेरित होकर तत्कालीन केंद्रसरकार ने भी इसे अपनाया और इसका नाम आजीविका दिया। बिहार में अब शहरी क्षेत्रों मेंभी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है। शहरी क्षेत्र में अब तक 26 हजारस्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है, जिनसे 3 लाख जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-2 योजना के तहत हमलोगों ने 10 लाख लोगों कोसरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है। अबतक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों कोरोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैयाकराया गया है। वर्ष 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों कोरोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। हमलोगों नेसभी पार्टियों के साथ बैठक कर बिहार में जाति आधारित गणना कराई, जिसमें 94 लाखगरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों कोप्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।