नई दिल्ली
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता जितेंद्र आव्हाड ने शुक्रवार को रामनवमी और हनुमान जयंती को लेकर एक ऐसा बयान दिया, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई। हिंदू संगठनों ने उन पर निशाना साधते हुए मांफी मांगने की बात कही है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि ऐसा लगता है कि रामनवमी और हनुमान जयंती के त्योहार केवल दंगों के लिए हैं। दंगों के कारण शहरों में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है। मुझे लगता है कि हमें आने वाले वर्षों में इस तरह के और दंगे देखने को मिलेंगे।
उनका ये बयान पश्चिम बंगाल और बिहार में हुई हिंसा के बाद आया। बंगाल के हावड़ा में रामनवमी समारोह के दौरान उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग लगा दी थी। इसके अलावा सार्वजनिक और निजी संपत्तियों में भी तोड़फोड़ की। वहीं बिहार के नालंदा जिले में भी इसी तरह की झड़पें हुईं। वहां पर उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी की। हालांकि बाद में प्रशासन ने हालात को काबू में किया। साथ ही कई इलाकों में 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करनी पड़ी।
ममता बनर्जी ने बीजेपी को बताया जिम्मेदार
बंगाल की हिंसा के बाद बीजेपी और टीएमसी में जुबानी जंग जारी है। हाल ही में ममता बनर्जी ने हावड़ा हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सूचित किया था कि वो दोपहर में अपना कार्यक्रम करेंगे लेकिन लोगों को भड़काने के लिए जानबूझकर नमाज के समय रैली निकाली गई। उन्होंने आगे कहा कि अब स्थिति नियंत्रण में आ गई है, बीजेपी हिंसा को और भड़काने के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम भेज रही है। जब सामान्य स्थिति बहाल हो गई है तो फैक्ट फाइंडिंग टीम की क्या जरूरत है?