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विरोध में धुआं निकाल देता हूं, गहलोत पर बरसते हुए पायलट का समझौते से इनकार

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जयपुर

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में आंतरिक टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। 2018 से ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहा मनमुटाव हर दिन नए स्तर पर पहुंचता जा रहा है। चुनाव से पहले आर-पार के मूड में दिख रहे सचिन पायलट ने अब कहा है कि वह ऐसा विरोध करते हैं कि धुआं निकाल देते हैं। एक बार फिर वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग करते हुए पायलट ने कहा कि जिन भाषणों के आधार पर चुनाव में जीत हासिल की थी उस पर काम करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अपने संस्कारों की वजह से उन्होंने कभी भाषा की मर्यादा नहीं तोड़ी।

एक कार्यक्रम में पायलट  ने कहा, 'बहुत से मामलों की जांच चल रही है उनका मैं स्वागत करता हूं। जो जनता की जेब पर डाका डालेगा उसकी जांच करो। जेल में डालो, हम सब इसका स्वागत करते हैं। लेकिन जिनके खिलाफ भाषण देकर, जिनके खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देकर हमने वोट लिया था, वह वादा भी पूरा करना पडे़गा।' गौरतलब है कि पायलट लगातार वसुंधरा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर उन्होंने हाल ही में एक दिन का अनशन भी किया था, जिससे पार्टी में काफी हलचल है।

इस बीच उन्होंने कहा, 'मैंने कभी मर्यादाओं को लांघा नहीं। अपने शब्दों, भाषणों में, हो सकता है गुढ़ा जी कभी कभी स्लिप हो जाते हैं, लेकिन मैं कभी स्लिप नहीं होता। क्योंकि संस्कार ऐसे हैं मेरे बचपन से। शालीनता, विनम्रता, मान-सम्मान, आदर, प्रेम-भाईचारा, बुजुर्गों का सम्मान हमेशा किया, विरोध भी करता हूं तो ऐसा कि धूआं निकालता हूं लेकिन भाषा का संयम नहीं खोता। क्योंकि मुंह से जो शब्द निकल गया वह कभी वापस नहीं होता है।'

पायलट ने अपने संघर्ष का जिक्र करते हुए कि पायलट ने यह भी साफ कर दिया कि वह अपने मुद्दों से समझौता नहीं करने वाले हैं। उन्होंने कहा, 'हम जेलों में गए, धरने दिए, भूख हड़ताल की है, लेकिन गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। वसुंधरा जी मुख्यमंत्री थीं, मेरे उम्र में बड़ी हैं। लेकिन राजनीति में जब टकराव होता था तो बराबर का होता था। लेकिन ओच्छी भाषा का इस्तेमाल ना तो पहले किया और ना करने वाले हैं। लेकिन मुद्दों सिद्धांतों को लेकर, जुबान से किए वादों को लेकर ना पहले कभी समझौता किया और ना आगे कभी समझौता करेंगे।'