प्रयागराज
माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद प्रयागराज की पहली सुबह सड़कों पर पुलिस ही पुलिस नज़र आ रही है। पुलिस और पीएसी के जवान प्रयागराज की सड़कों पर लगातार फ्लैग मार्च कर रहे हैं। इस बीच उमेश पाल के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मीडिया कर्मियों सहित किसी के भी उमेश पाल के घर आवाजाही पर पुलिस की नजर है।
अतीक और अशरफ के शवों का आज पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इसके बाद आज ही दोनों भाइयों के शवों को सुपुर्द-ए-खाक भी कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसके लिए पुलिस अतीक-अशरफ के रिश्तेदारों के भी संपर्क में हैं। माफिया भाइयों की हत्या के बाद प्रयागराज से लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में पुलिस की सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक पर नज़र है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिया है कि प्रदेश की आम जनता के जीवन में किसी किस्म का खलल नहीं पड़ना चाहिए। किसी को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए।
वैसे, अतीक-अशरफ की हत्या के बाद से पूरे शहर में दहशत का माहौल है। खौफ में डूबे शहर में देर रात से ही सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए जाने लगे थे। पुराने शहर के कई इलाकों को तो खासतौर पर छावनी में तब्दील कर दिया गया। पुलिस, पीएसी, आरएएफ की तैनाती हर चौराहे पर की गई।
बड़ी संख्या में महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है। यहां तक की रात में आसपास के जिलों की फोर्स भी बुला ली गई। कौशांबी के कई थाना प्रभारियों की तैनाती करेली, धूमनगंज, पूरामुफ्ती, खुल्दाबाद आदि इलाकों में की गई। इसी प्रकार प्रतापगढ़, भदोही, मिर्जापुर तक की फोर्स को देर रात प्रयागराज बुला लिया गया। लखनऊ से अतिरिक्त फोर्स भी बुलाई गई। खुल्दाबाद, कोतवाली, करेली और शाहगंज थाने में अतिरिक्त फोर्स बुला ली गई।
देर रात ही शहर के चौराहों पर बैरिकेडिंग शुरू हो गई थी। रात में निकलने वाले लोगों से पुलिस पूछताछ कर तलाशी लेती रही। आरएएफ और पीएसी की कई टुकड़ियां की मांग की गई है। पुलिस की गाड़ियां पूरे शहर में घूमती रहीं।
एडीजी जोन ने संभाली कमान
उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना मिलने के बाद पुराने शहर में कुछ लोगों ने माहौल खराब करने की साजिश रची थी। इसकी भनक लगते ही शुक्रवार रात में ही पुलिस ने सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया। एडीजी जोन भानु भास्कर ने मोर्चा संभाला। शनिवार सुबह से ही एडीजी जोन, पुलिस आयुक्त रमित शर्मा, आईजी रेंज चंद्र प्रकाश पुलिस फोर्स के साथ अति संवेदनशील इलाकों में भ्रमण करते रहे।
राजरूपपुर, चकिया, कसारी- मसारी, धूमनगंज इलाके में विशेष नजर रही। पुलिस कंट्रोल रूम से भी पल-पल की निगरानी की जा रही थी। सुरक्षा के मद्देनजर पैरामिलिट्री फोर्स को रिजर्व में रखा गया था। पुलिस अफसर बीते 10 जून को हुए अटाला बवाल को याद कर ज्यादा सतर्क रहे। सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही थी। असद के मारे जाने के बाद खुफिया एजेंसियां भी पल-पल की रिपोर्टिंग कर रही थीं।