नई दिल्ली
2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए विकसित देशों को कड़े कदम उठाने होंगे। विकसित देशों को कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिए प्रभावी निर्णय लेने होंगे, साथ ही विकासशील देशों की मदद करनी होगी। यह बात ऊर्जा और पर्यावरण पर आयोजित जी 7 देशों की मंत्री स्तर की बैठक में भारत ने कही है। यह बैठक शनिवार को जापान के सापोरो शहर में हुई थी।
बैठक में भारत की ओर से पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भाग लिया। यादव ने कहा कि विकसित देशों के कदम उठाने से भारत जैसे विकासशील देशों को ताकत मिलेगी और वे कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए माहौल बना सकेंगे। इससे मौसम में हो रहे बदलाव और प्राकृतिक आपदाओं को कम करने में मदद मिलेगी।
भारत से देशों को विकसित देशों को करनी चाहिए सहयता
पर्यावरण मंत्री ने कहा, "विकसित देशों को पर्यावरण सुधार के लिए विकासशील देशों की आर्थिक और तकनीक सहायता करनी चाहिए। विकसित देशों को भारत जैसे देशों को विशेष सहायता देनी चाहिए जिनकी कार्बन उत्सर्जन कम करने से विकास की गति प्रभावित होगी।"
नीतिगत मसौदा तैयार करने पर जोर
उन्होंने कहा कि आईपीसीसी एआर-6 रिपोर्ट ने इस बात पर फिर बल दिया है कि विकास जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हमारी पहली रक्षा पंक्ति है। यादव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नीतिगत मसौदा तैयार करने की कोशिशें की जा रही है और अब दुनियाभर की सरकारों के लिए अनिवार्य है कि वे लोगों को शामिल करें और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में जनभागीदारी सुनिश्चित करें।