क्या आप आफिस से आने के बाद भी रातभर ठीक से सो नहीं पाते हैं क्या आपके दिमाग में यह चलता है कि जो रिपोर्ट बनाई थी उसमें सारे पॉइन्ट थे, या किसी ईमेल का जवाब देना तो नहीं भूल गए काम खत्म होने के बाद थोड़ी देर उसके बारे में सोचना अच्छा है, लेकिन हमेशा उसके बारे में ही सोचना नुकसानदेह हो सकता है। खासतौर पर नए मैनेजर्स के लिए यह ज्यादा जोखिम भरा है। यह दावा फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी की स्टडी में किया गया है।
73 मैनेजर्स के काम को स्टडी किया गया
शोधकतार्ओं के मुताबिक जो लीडर्स आफिस टाइम के बाद काम के बारे में सोचना बंद कर देते हैं, उन्हें अगले दिन थकान की आशंका कम होती है। इसका फायदा यह भी है कि वे अगले दिन अपनी भूमिका सकारात्मकता से निभा सकते हैं। प्रोफेसर रेमी जेनिंग्स बताती हैं, हमने स्टडी के दौरान दो हफ्ते तक बड़ी कंपनियों के 73 मैनेजर्स के काम के तरीकों पर नजर रखी। इसमें हमने देखा कि सर्वे में शामिल लीडर्स पिछली रात काम से जुड़े विचारों से खुद को अलग रखने में कितने सक्षम थे मैनेजर्स से पूछा गया कि बीती रात काम के बाद उन्हें आराम मिला या तनाव हावी रहा यह जानने की कोशिश की गई कि वे इन बयानों से कितने सहमत हैं…ह्यमैं थका या लक्ष्यहीन महसूस कर रहा हूं।ह्ण इसे विचारों को ह्यकमीह्ण के तौर पर देखा गया।
मैनेजर्स में हमेशा उपलब्ध रहने की प्रवृत्ति होती है
जेनिंग्स कहती हैं- दरअसल, मैनेजर्स में हमेशा उपलब्ध रहने की प्रवृत्ति होती है। पर स्टडी बताती है कि खुद को काम के बोझ से डिस्कनेक्ट करने के लिए समय निकालना जरूरी है। मैनेजर्स के जवाबों में 5% बदलाव भी प्रदर्शन प्रभावित करता है। जैसे ह्यमैं फोकस नहीं कर पा रहा, या थकान लग रही हैह्ण से पता चलता है कि वे काम से खुद को अलग नहीं कर पाए। इससे उनके अगले दिन का काम-काज प्रभावित हुआ। प्रो. जेनिंग्स ने कहा- 5% का आंकड़ा हमें मामूली लग सकता है, पर उन चीजों के बारे में सोचें जो सुबह लीडर्स की उर्जा को प्रभावित करती है जैसे, अच्छी नींद, खानपान या तनाव का स्तर… तो यह आंकड़ा महत्वपूर्ण हो जाता है। एग्जीक्यूटिव कोच रेबेका जुकर कहती हैं, काम के बाद वक्त आपकी पसंदीदा चीजों के लिए है। ह्यमैनेजर्स को काम व घर के बीच सीमाएं बनानी चाहिए। सफलता के लिए यह अनिवार्य है।
पूरे वक्त सोचने वाले मैनेजर्स में उत्साह की कमी देखने को मिली : स्टडी
स्टडी के दौरान मैनेजर्स को रिपोर्ट करने वाले एक व्यक्ति का सर्वे भी किया गया। उनसे पूछा गया कि उनके मैनेजर्स ने लक्ष्यों, थॉट प्रोसेस को प्रभावी ढंग से उन तक पहुंचाया, उत्साह दिखाया और क्या उस दिन उनकी बात सुनी गई इम्प्लॉय के जवाबों में भी 4% की घट-बढ़ दिखी। यानी मैनेजर्स के काम-काज प्रभावित होने का असर इन पर भी हुआ। स्टडी बताती है नए मैनेजर्स के लिए काम से अलग होना और भी महत्वपूर्ण लग रहा था। शोधकतार्ओं के मुताबिक, नए मैनेजर्स जो एक रात पहले काम के बारे में सोचते थे, उनमें उत्साह दिखाने जैसे कुछ नेतृत्व गुण दिखाने की संभावना कम पाई गई।