नई दिल्ली
स्मार्ट सिटी फरीदाबाद की करीब 111 और कॉलोनियों को नियमित किया जा सकता है। एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने स्थानीय निकाय के अधिकारियों को करीब 600 कॉलोनियों को नियमित करने के दिशा-निर्देश दिए। इनमें फरीदाबाद की करीब 111 कॉलोनियां भी शामिल हैं।
फरीदाबाद नगर निगम प्रशासन ने 170 कॉलोनियों को नियमित करने के नियमों का पालन करते हुए प्रस्ताव प्रदेश शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजा था, राज्य सरकार ने इनमें से करीब 59 कॉलोनियों को नियमित कर दिया। जबकि करीब 111 कॉलोनियों का अभी नियमित होने के इंतजार में हैं। ऐसे में अगर कोई बड़ी अड़चन सामने नहीं आई तो फरीदाबाद की ये कॉलोनी भी नियमित हो जाएंगी। नियमित की गई कॉलोनियों में पेयजल, बिजली, सीवरलाइन और सड़क जैसी सुविधाएं लोगों को उपलब्ध होंगी। लोगों के घरों तक पेयजल के कनेक्शन दिए जाएंगे। सीवरलाइन बिछाई जाएगी। बिजली के खंभे लगेंगे और स्थाई कनेक्शन दिए जाएंगे। नगर निगम के मुख्य योजनाकार धर्मपाल का कहना है कि जिले की 111 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है, जो कमियां थी, उन्हें पूरा करके भेजा जा चुका है।
विकास शुल्क की दरें भी जल्द तय होंगी
हालांकि इस वर्ष नियमित की गई कॉलोनियों में अभी विकास कार्य भी शुरू नहीं किए गए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने इन कॉलोनियों में जल्द विकास कार्य शुरू करने के भी दिशा-निर्देश दिए हैं। इसके लिए इन कॉलोनियों में विकास शुल्क की दरें तय की जाएगी। इन कॉलोनियों में विकास शुल्क वसूली के लिए हरियाणा सरकार अलग से अधिसूचना जारी करेगी। उसी के मुताबिक लोगों से विकास शुल्क वसूला जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कॉलोनी के सर्किल रेट का पांच फीसदी तय हो सकता है।
इस वर्ष 89 कॉलोनी नियमित की गई
हरियाणा सरकार ने मौजूदा वर्ष में फरीदाबाद की 89 कॉलोनियों को नियमित किया है। इनमें जुलाई माह में नगर निगम क्षेत्र में बसी हुई 59 कॉलोनियों को और अक्तूबर में ग्रामीण इलाके की करीब 30 कॉलोनियों को नियमित किया जाना शामिल है। इनमें अधिकांश कॉलोनियों ग्रेटर फरीदाबाद की है। ग्रेटर फरीदाबाद में अवैध कॉलोनियों की भरमार हो चुकी है। जबकि मास्टर प्लान-2031 के लागू होने के बाद स्मार्ट सिटी की पहचान एक अलग होती। यमुना के समीप विभिन्न सेक्टरो में जहां बहुमंजिला इमारतें इस नगरी की शोभा बढ़ाते नजर आते।
निगम पर छह सौ करोड़ के अतिरिक्त राजस्व का भार
नियमित की गई कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए करीब 600 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व का भार नगर निगम पर पड़ेगा। जिसका इंतजाम करना एक मुश्किल काम है। अभी सरकार की तरफ से इन कॉलोनियों के लिए विकास शुल्क निर्धारित नहीं किया गया है। 1500 रुपये से अधिक प्रतिवर्ग गज इन कॉलोनियों में खर्चे की उम्मीद है। इन कॉलोनियों के नियमित होने से लोगों को काफी राहत मिलेगी।