भोपाल
इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग, जिला निर्वाचन अधिकारी और सीधे भारत निर्वाचन आयोग को ग्यारह हजार से अधिक शिकायतें मिली है जो पिछले विधानसभा चुनाव से ढाई गुना अधिक है। चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन और अन्य शिकायतों को लेकर कांग्रेस मुखर हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि हमारी शिकायतों पर चुनाव आयोग और प्रशासनिक स्तर पर कार्यवाही नहीं की जा रही है वहीं प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना है कि आयोग के पास जो तथ्यात्मक शिकायतें आई है परीक्षण के बाद उन सभी में कार्रवाई की गई है। सीधे भारत निर्वाचन आयोग को की गई कुछ शिकायतों पर वहां के स्तर पर कार्रवाई हुई है। सी-विजिल एप के जरिए और सीधे पत्रों के माध्यम से 11 हजार 257 शिकायतें आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की मिली है।
सही शिकायतों पर हुई कार्रवाई
इधर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना है कि परीक्षण में जो शिकायतें सही मिली उनपर कार्यवाही की गई है। चुनाव कार्य से जुड़े तीन साल से अधिक समय से जमे अधिकारियों और कर्मचारियों को ही हटाने के निर्देश थे। ऐसे सभी मामलों मेें कार्यवाही की गई है। यह कहना उचित नहीं है कि शिकायतों पर कार्रवाई नहीं हुई।
कांग्रेस की 500 से ज्यादा शिकायतें
कांग्रेस के प्रभारी जेपी धनोपिया का कहना है कि कांग्रेस ने विभिन्न स्तरों पर पांच सौ से अधिक शिकायतें की है। चुनाव आयोग और प्रशासन ने किसी भी शिकायत का संतोषजनक रुप से निराकरण नहीं किया है। धनोपिया का कहना है कि रीवा जिले में विधानसभा चुनाव में 1369 पुलिस कर्मियों व अतिथि शिक्षक जो चुनाव ड्यूटी पर तैनात थे उन्हें मतदान से वंचित किया गया है। खंडवा जिले में 18 नवंबर को मतदान से वंचित रहे पुलिस कर्मियों को 20 नवंबर को मतदान करने के आदेश जारी किए गए है। उनका कहना है कि पन्ना जिले में भी डाक मतपत्र कर्मचारी नहीं डाल पाए। शाजापुर में भी काफी लोग वोट नहीं कर पाए।