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भगवान राम का किरदार निभाने के बाद अरुण गोविल को नहीं मिली कोई भी कमर्शियल फिल्म

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भगवान राम का किरदार निभाने के बाद अरुण गोविल को नहीं मिली कोई भी कमर्शियल फिल्म

मुंबई
 रामानंद सागर के निर्देशन में निर्मित धारावाहिक रामायण आज भी दर्शकों को याद है। इस सीरियल में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने बताया है कि भगवान राम का किरदार निभाने के बाद मुझे काफी प्रसिद्धि मिली, लेकिन अफसोस जताया कि उन्हें रामायण के बाद कोई भी कमर्शियल फिल्म नहीं मिली।

अरुण गोविल ने एक इंटरव्यू में कहा कि रामायण के बाद कई अच्छी चीजें हुईं तो कुछ बुरी चीजें भी हुईं। अच्छी बात यह है कि राम के किरदार से मुझे काफी प्रसिद्धि मिली। मुझे ये रोल दिया गया। मुझे बहुत आदर और सम्मान मिलने लगा, लेकिन मुझे कमर्शियल फिल्मों से पूरी तरह बाहर कर दिया गया। जब मैं काम के लिए निर्माताओं और निर्देशकों के पास गया, तो वे कहते थे कि आपने राम की भूमिका इतनी प्रभावी ढंग से निभाई है कि लोग आपको अन्य भूमिकाओं में नहीं देख सकते। लोग आपमें केवल भगवान राम देखते हैं, उन्हें आपके चेहरे में कोई और नहीं दिखता। इस वजह से मुझे कमर्शियल फिल्में मिलनी बंद हो गईं।

अरुण गोविल ने कहा कि अपनी इस छवि से छुटकारा पाने के लिए मैंने कुछ ग्रे शेड वाले रोल भी किये, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि मेरा नकारात्मक प्रभाव लोगों पर नहीं पड़ना चाहिए। उस समय मुझे सचमुच आश्चर्य हुआ कि अब मैं क्या करूंगा? मैंने ग्रे शेड वाली भूमिका भी आज़माईं, लेकिन बाद में मुझे एहसास हुआ कि ये भूमिका उपयुक्त नहीं हैं।

अरुण गोविल सितंबर में रिलीज हुई फिल्म ओह माय गॉड 2 में नजर आए थे। साथ ही अब वह विनय भारद्वाज के निर्देशने में फिल्म 'हकस बुकस' में नजर आएंगे। इस फिल्म में उन्होंने एक कश्मीरी पंडित का किरदार निभाया है। हुकस बुकस नाम थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह एक कश्मीरी शब्द है और इसका मतलब अंगाई होता है। उन्होंने फिल्म के नाम का अर्थ भी समझाते हुए कहा कि यह एक धार्मिक फिल्म है और यह भगवान और मनुष्य के बीच संबंधों पर टिप्पणी करती है।

बॉक्स ऑफिस पर टाइगर-3 का जलवा, कुल कमाई 102 करोड़

मुंबई
 सलमान खान और कैटरीना कैफ की 'टाइगर-3' बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर रही है। 'एक था टाइगर' और 'टाइगर जिंदा है' के बाद दिवाली पर सलमान और कैटरीना की जासूसी फिल्म का तीसरा पार्ट रिलीज हुआ। रविवार 12 नवंबर को रिलीज हुई इस फिल्म ने पहले दिन जोरदार शुरुआत की, जिसके बाद अब दूसरे दिन के आंकड़े सामने आ गए हैं।

'टाइगर-3' ने दूसरे दिन पहले दिन से ज्यादा कमाई की है। वीक डे यानी सोमवार होने के बावजूद फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कलेक्शन किया है। फिल्म ने महज दो दिनों में बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। 'टाइगर-3' सलमान खान की सबसे ज्यादा ओपनिंग करने वाली फिल्म बन गई है। इस फिल्म के कलेक्शन को देखकर ये कहना गलत नहीं होगा कि शाहरुख खान के बाद सलमान ने भी दमदार वापसी की है। रिलीज के पहले दिन 44.50 करोड़ का बंपर कलेक्शन करने के बाद अब 'टाइगर-3' की दूसरे दिन की ओपनिंग के आंकड़े सामने आ गए हैं।

सैक्निल्क की शुरुआती ट्रेंड रिपोर्ट के मुताबिक 'टाइगर-3' ने दूसरे दिन 57.50 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है। महज दो दिनों में इस फिल्म की कुल कमाई अब 102 करोड़ रुपये हो गई है। इतना ही नहीं, इस फिल्म ने शाहरुख खान की पठान, जवान और बाहुबली-2 जैसी फिल्मों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है।

दूसरे दिन सलमान खान की फिल्म ने 50 करोड़ से ज्यादा की कमाई की। बाहुबली-2 ने दूसरे दिन 40.25 करोड़, गदर ने 38.7 करोड़, टाइगर जिंदा है ने 36.54 करोड़, जवान ने 30.5 करोड़, केजीएफ चैप्टर-2 ने 25.57 करोड़, पठान ने 25.5 करोड़ रुपये कमाए। दूसरे दिन की कमाई के मामले में 'टाइगर-3' ने इन सभी फिल्मों को पीछे छोड़ दिया है।

 

फिल्म 'पिप्पा' में कवि नजरुल इस्लाम के गाने पर विवाद, मेकर्स ने सफाई देते हुए मांगी माफी

मुंबई
 ईशान खट्टर की 'पिप्पा' 10 नवंबर को अमेजन प्राइम पर रिलीज हो गई। फिल्म में सौ साल पुराने गाने को रीक्रिएट किया गया है। यह गाना मशहूर बांग्ला कवि काजी नजरूल इस्लाम के लोकप्रिय देशभक्ति गीत ''करार ओई लुहो कोपट'' पर आधारित है। एआर रहमान द्वारा रीक्रिएट किए गए इस गाने को अच्छा रिस्पॉन्स मिला। लेकिन इस गाने से विवाद शुरू हो गया है। इस विवाद को लेकर मेकर्स ने सफाई दी है।

विवाद क्यों?

संगीतकार एआर रहमान ने फिल्म में इस मशहूर गीत को नए रूप में पेश किया है, लेकिन कुछ दिन पहले इस पर विवाद शुरू हो गया। कवि काजी नजरूल इस्लाम के पोते, चित्रकार काजी अनिर्बान ने दावा किया कि परिवार ने निर्माताओं को गीत के उपयोग की अनुमति दी थी, लेकिन धुन व लय बदलने की नहीं।

विवाद पर प्रोड्यूसर्स ने दी सफाई

एक बयान में, आरएसवीपी और रॉय कपूर फिल्म्स द्वारा निर्मित 'पिप्पा' के पीछे की टीम ने कहा कि टीम गीत की मूल रचना, कवि इस्लाम और संगीत, राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में उनके अपार योगदान का बहुत सम्मान करती है। टीम ने यह भी कहा कि यह गीत बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया गया था।

'करार ओई लुहो कोपट' गाने को लेकर चल रहे विवाद के मद्देनजर फिल्म 'पिप्पा' के निर्माता, निर्देशक और संगीतकार ने स्पष्ट किया है कि जो गाना प्रस्तुत गया किया है वह एक ईमानदार कलात्मक व्याख्या है। इसका निर्माण काजी नजरूल इस्लाम के रिश्तेदारों से इस संबंध में अधिकार प्राप्त करने के बाद किया गया था। हम मूल सामग्री के साथ दर्शकों के भावनात्मक जुड़ाव को समझते हैं। लेकिन अगर हमारे गाने से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं या परेशानी हुई है तो हम ईमानदारी से माफी मांगते हैं।

इस बीच, यह गीत पहली बार 1922 में 'बांग्लार कथा' (बंगाल की कहानियां) पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। बाद में कवि इस्लाम की पुस्तक 'भांगर गान' में शामिल किया गया। इसे पहली बार 1949 में एक प्रसिद्ध संगीत कंपनी द्वारा और फिर 1952 में एक अन्य कंपनी द्वारा रिकॉर्ड किया गया था।