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1 मिनट में 12 हाई राइज बिल्डिंग पर इजरायली एयरफोर्स ने गिराया बम, पूरा गाजा धुआं-धुआं

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जेरूसलम
इजरायल और फिलस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच गाजा पट्टी में जारी जंग बीतते समय के साथ और तेज होती जा रही है. शुक्रवार को इजरायली वायु सेना के फाइटर जेट्स ने गाजा में 12 ऊंची इमारतों को निशाना बनाया. इजरायल डिफेंस फोर्सेज के बुताबिक एयरफोर्स के फाइटर जेट ने पूरी तालमेल के साथ सिर्फ एक मिनट में हमला कर 12 इमारतों पर बम गिराया है.

इजरायली सेना द्वारा की गई बॉम्बिंग के बाद पूरा इलाका धुआं-धुआं हो गया. इजरायली वायु सेना के फाइटर जेट्स ने जिन इमारतों को निशाना बनाया है वहां आतंकवादी संगठन हमास का ऑपेरशनल और बुनियादी ढांचा था. इजरायली वायु सेना ने हमास के इन इमारतों पर बॉम्बिंग का वीडियो भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है.

फिलस्तीन में अब तक 1500 लोगों की मौत

इजरायल के हमलों में अब तक गाजा पट्टी और फिलस्तीन में 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. यूएन के मुताबिक, अब तक 4.3 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं. वहीं, इजरायल की सेना ने गाजा पट्टी के पास अपने टैंक तैनात कर दिए हैं. ऐसे में सेना ने शुक्रवार को गाजा पट्टी में रहने वाले लोगों को जगह खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है क्योंकि हमास ने शुक्रवार को इजरायल पर फिर से भीषण हमले की धमकी दी है.

इजरायली फोर्स गिरा चुकी है 6000 बम

इजरायल ने अब तक गाजा पट्टी पर 6000 से ज्यादा बम गिराए हैं. इजरायली फोर्स का दावा है कि उसने हमास के 3600 से ज्यादा ठिकानों पर तबाह कर दिया है. बता दें कि बीते शनिवार को हमास ने अचानक 20 मिनट में इजरायल पर 5 हजार रॉकेट दाग दिए थे.

इजरायल के 1200 लोगों की मौत

हमास के हमले में अब तक  इजरायल में 1200 लोगों की मौत हो चुकी है. इतना ही नहीं हमास ने सैकड़ों लोगों को बंधक भी बना लिया. इसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने युद्ध का ऐलान कर दिया था. इसके बाद से ही इजरायल की तीनों सेना गाजा पट्टी और हमास के ठिकानों को तबाह और बर्बाद करने में जुटी हुई है. हमास और इजरायली सेना के बीच चल रहे इस युद्ध में लेबनान का आतंकी संगठन हिज्बुल्ला भी कूट पड़ा है.  हमास के हमले को कवर देने के लिए हिज्बुल्ला ने उत्तरी इजरायल पर कुछ रॉकेट दागे हैं.

हिज्बुल्ला एक लेबनानी शिया लड़ाकों का संगठन है, जिसे इजरायल और अधिकांश पश्चिमी देशों ने आतंकवादी समूह मानते हैं और इस संगठन पर रोक लगाई हुई है. लेकिन ईरान इसका खुलकर समर्थन करता है. 1982 में दक्षिणी लेबनान पर इजरायल के कब्ज़े के ख़िलाफ़ लड़ने वाली फ़ोर्स के रूप में इसकी स्थापना की गई थी. ईरान समर्थित यह समूह यहूदी राज्य के विनाश के लिए प्रतिबद्ध है .इसलिए हमास के बाद अब ये आतंकी संगठन भी इजरायल के लिए सबसे गंभीर खतरा बना हुआ है.