नई दिल्ली
तीस्ता नदी में जलस्तर बुधवार दोपहर एक बजे तक खतरे के निशान से नीचे था और इसके आस-पास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं। केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्लयूसी) द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी सिक्किम की ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी क्षेत्र में आई बाढ़ के परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई और सेना के 23 जवान पानी में बह गए। उन्होंने बताया कि बांध से पानी छोड़े जाने के बाद नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई थी।
सीडब्लयूसी के मुताबिक, तीस्ता पर तीन केंद्रों मेल्ली, सिंगतम और रोतहक पर जलस्तर खतरे के निशान से नीचे तो है लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है।
आंकड़ों के मुताबिक, मेल्ली पर जलस्तर 214.63 मीटर है जबकि खतरे का स्तर 224 मीटर है।
सीडब्लयूसी ने अपने ऐप पर बताया, ''जलस्तर में वृद्धि का संकेत है लेकिन फिलहाल जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। इसलिए मेल्ली के आस-पास बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं।''
सीडब्लयूसी के मुताबिक, सिंगतम केंद्र में मौजूदा जलस्तर 351.31 मीटर है जबकि खतरे का स्तर 355.09 मीटर है। जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है इसलिए सिंगतम के आस-पास बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं।
सीडब्लयूसी के मुताबिक, फिलहाल इस स्थान पर बाढ़ की संभावना नहीं है। वहीं रोतहक केंद्र पर मौजूदा जलस्तर 360.06 मीटर है जबकि खतरे का स्तर 364.98 मीटर है।