महासमुंद । महासमुंद विकासखंड के ग्राम कछारडीह में आज कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले नरवा, गरवा, घुरूवा एवं बारी के तहत बनाए गए आदर्श गोठान का अवलोकन किया गया। इस अवसर पर पीएल पुनिया ने कहा कि राज्य शासन ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पुर्नजीवन के लिए छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बारी पर बेहतरी से कार्य करने के लिए संकल्पित है, यह पूरे विश्व में एक अनूठी योजना है। यह प्रयोग हर तरह से सफल होना चाहिए, सभी ने इसकी सराहना की हैं।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में किसानों की अधिकता को देखते हुए इस योजना को सोच-समझ कर काफी विचार-विमर्श कर बनाया गया। यह कार्यक्रम एक चुनौतीपूर्ण हैं। यह योजना सरकार की ही नहीं बल्कि आमजन की योजना है, इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाए। सरकार का उद्देश्य गरीबों एवं नागरिकों के विकास के विकास करने के लिए हैं। राज्य शासन इस दिशा में विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित कर नागरिकों के हित के लिए कार्य कर रही है, इसको सफल बनाने के लिए सभी नागरिकों की भागीदारी होनी चाहिए।
इस अवसर पर प्रदेश के वाणिज्यिक कर (आबकारी), उद्योग एवं जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास एवं श्रम मंत्री शिवकुमार डहरिया, कोण्डागांव विधायक मोहन मरकाम, महासमुंद विधायक विनोद चन्द्राकर, खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव, बसना विधायक देवेन्द्र बहादुर सिंह एवं सरायपाली विधायक किस्मत लाल नंद, डॉ चंदन यादव, के.एन. उरांव सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रदेश के वाणिज्यिक कर (आबकारी), उद्योग एवं जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि वर्तमान सरकार आम नागरिकों, गरीब मेहनतकश मजदूरों और किसानों की सरकार है। सरकार द्वारा राज्य के सभी वर्गों के हितों के लिए कार्य किए जाएंगे, उन्होंने कहा कि नरवा, गरवा, घुरूवा एवं बारी एवं गौठान से जुड़ाव प्राचीन काल से हमारी छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं परम्परा से जुड़ी है, जिसे हमें इसका संरक्षण एवं संर्वधन करने अवश्यकता हैं। बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे और मजबूती प्रदान करने के लिए इस योजना के तहत शुरूआत में अभी चयनित ग्राम पंचायतों में मॉडल गोठान विकसित किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि गोठन में कम्पोष्ट खाद तैयार किया जा रहा है जिसका अधिकाधिक उपयोग कर जमीन की उर्वरा को बचाएं. इसके जरिए स्वसहायता समूह के माध्यम से गौठान में कम्पोष्ट खाद बनाएं जाएंगे, जिसे किसान अपने खेतों में उपयोग कर जैविक फसलों की अधिक पैदावार कर सकते है तथा जमीन की सेहत सुधरने के साथ ही गोठान से जुड़े सदस्यों को आमदनी भी प्राप्त होगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास एवं श्रम मंत्री शिवकुमार डहरिया कहा कि नरवा, गरवा, घुरूवा एवं बारी योजना कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं पुरानी अर्थव्यवस्था हैं। इसे गांव में ही स्थानीय संसाधन विकसित कर और व्यापक तौर पर पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर राज्य शासन द्वारा इस महत्वाकांक्षी योजना को प्रारंभ किया गया है, उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, गिरते भू-जल स्तर, पशुधन संवर्धन, जैविक खेती नहीं करना चिंता का कारण बन गया है, जिसे राज्य शासन द्वारा इसके माध्यम से संवर्धन करने का भरपूर प्रयास किया जाएगा। कोण्डागांव विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि राज्य शासन के इस महत्वकांक्षी योजना को नीति आयोग द्वारा इसकी सराहना की गई हैं। इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए शासन द्वारा कार्ययोजना बनाई गई है, इसी प्रकार खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव एवं महासमुंद विधायक विनोद चन्द्राकर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष धरमदास महिलांग, पूर्व विधायक अग्नि चन्द्राकर, आलोक चंद्राकर, प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ऋतुराज रघुवंशी, पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह, सरपंच संतोष साहू सहित गणमान्य नागरिक एवं अधिकारी उपस्थित रहे।