Home मध्यप्रदेश कमलनाथ सरकार ने रैगिंग रोकने के लिए उठाया खास कदम

कमलनाथ सरकार ने रैगिंग रोकने के लिए उठाया खास कदम

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रैगिंग रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार और कड़े प्रावधान करने जा रही है। राज्य विधि आयोग की सिफारिश पर सरकार ने प्रिवेंशन आॅफ रैगिंग एक्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि आने वाले मॉनसून सत्र में इस एक्ट को विधानसभा में पेश किया जा सकता है। नए प्रावधानों के मुताबिक, अगर कोई छात्र शुरूआती जांच में ही रैगिंग का दोषी पाया जाता है तो उसे संस्थान से बर्खास्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही अगले तीन साल तक आरोपी छात्र को देश के किसी भी संस्थान में एडमिशन नहीं मिलेगा। नए एक्ट में एफआईआर दर्ज करने के बाद कोर्ट से ही जमानत का प्रावधान भी होगा। रैगिंग के मामले में मध्य प्रदेश के कॉलेजों की स्थिति बेहद खराब है। पूरे देश में यूपी के बाद मध्य प्रदेश में रैगिंग के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। मध्य प्रदेश में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देने में प्रदेश सरकार केंद्र के प्रावधान में कुछ संशोधन कर सकती है। मंगलवार को इस सिलसिले में हुई सब कमेटी की बैठक में अहम फैसला लिया गया है। बैठक में आरक्षण देने का जो मसौदा तैयार किया गया है उसके मुताबिक 12 सौ वर्गफीट का फ्लैट होने पर भी आरक्षण की पात्रता रहेगी। इसके साथ ही बंजर भूमि पर पांच एकड़ का पैमाना लागू नहीं माना जाएगा। माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक आरक्षण लागू करने के लिए आदेश जारी हो सकते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया था। केंद्र की ओर से तय आरक्षण के प्रावधानों के तहत 1 हजार वर्गफीट का फ्लैट होने पर पात्रता तय थी। साथ ही 5 एकड़ भूमि का प्रावधान सभी तरह की जमीन पर लागू था लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने स्थानीय परिस्थियों के हिसाब से इन प्रावधानों में संशोधन किया है। रेप की वारदातों को रोकने के लिए एमपी सरकार एक नया मोबाइल एप बनाने जा रही है। एप इस तरह से डिजाइन किया जाएगा जिससे इस तरह की वारदातों को रोकने में कामयाबी मिलेगी। इसमें आम लोगों के साथ साथ पुलिस अधिकारियों की भी एक्सिस होगी। एप को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा जिससे आरोपी को पकड़ने में भी मदद मिलेगी फिलहाल सरकार एप की डिजाइन और इसके नाम को लेकर काम कर रही है। बाहरी युवाओं को सरकारी नौकरी में उम्र सीमा की छूट दिए जाने के कैबिनेट फैसले पर कानून मंत्री पी सी शर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने कहा है कि सरकार ने उम्र सीमा में छूट का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निदेर्शों के तहत लिया है। हालांकि सरकार इस बात को लेकर गंभीर है कि कैसे मध्य प्रदेश के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मुहैया कराए जा सकें।