मेटास्टेटिक कैंसर उसे कहते हैं जब कैंसर सेल्स जहां गठन होता है यानी प्राइमरी स्पॉट से अलग हो जाती हैं और लिम्फ सिस्टम या ब्लड के जरिए अन्य हिस्सों में फैल जाती हैं। कैंसर सेल्स शरीर के अन्य हिस्सों में ट्यूमर बनाती हैं, जिन्हें मेटास्टेटिक ट्यूमर के रूप में जाना जाता है। मेटास्टेटिक एक गंभीर स्टेज है क्योंकि इसका मतलब है कि कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है। मेटास्टेटिक कैंसर के प्राइमरी रूप के समान होता है। जैसे यदि ब्रेस्ट कैंसर फेफड़ों में फैलता है, तो इसे मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर कहा जाएगा लंग्स कैंसर नहीं। मेटास्टेटिक कैंसर का उपचार स्टेज 4 ब्रेस्ट कैंसर की तरह किया जाएगा। कैसे फैलता है मेटास्टेटिक कैंसर- ट्यूमर के फटने के बाद खून के जरिए यह कैंसर पूरे शरीर में फैलकर सबसे पहले हड्डियों को अपना शिकार बनाता है। इसके बाद यह कैंसर फेफड़ों, लिवर और दिमाग में फैलता है। इसके बाद यह ट्यूमर गर्भाशय, मूत्राशय, बड़ी आंत और ब्रेन बोन की तरफ बढ़ता है। मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण- इस कैंसर के सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं हड्डियों में दर्द, उनका टूटना, मल-मूत्र पर कंट्रोल खोना, हाथ और पैरों में कमजोरी आना, खून में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाने की वजह से चक्कर, उलटी और दस्त होना।