लोकसभा चुनाव परिणाम आने से ठीक पहले कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के दलों और अन्य विपक्षी दलों को साधने की जुगत में लगा दिया है। ताकि, केन्द्र में संभावित सरकार बनाने का आधार तैयार किया जा सके। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बताया कि राजस्थान में दो चरण में 25 लोकसभा सीटों पर सोमवार को चुनाव खत्म होने के बाद सीनियर पार्टी लीडर अशोक गहलोत लगातार दिल्ली में इसी कोशिश में जुटे हुए हैं। पूरे मामले से वाकिफ पार्टी नेता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि आॅल इंडिया कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष अहमत पटेल और पार्टी के अन्य सीनियर नेताओं के साथ गहलोत यूपीए सरकार बनाने के आंकड़े पर काम कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी मानती है कि भारतीय जनता पार्टी 200 से कम सीटें जीतेगी और ऐसी स्थिति में कांग्रेस यूपीए के सहयोगी दलों के साथ मिलकर केन्द्र में सरकार बना सकती है। राजस्थान कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने कहा- देश में बीजेपी के खिलाफ बड़ा गुस्सा है। और हमें विश्वास है कि यूपीए और उसके सहयोगी दल मिलकर केन्द्र में सरकार बना लेंगे। सोमवार की शाम को जयपुर से निकले अशोक गहलोत की दिल्ली में मंगलवार को अहमद पटेल के साथ काफी लंबी बैठक हुई। अशोक गहलोत के करीबी समझे जानेवाले एक नेता ने बताया कि वह हरियाणा और पंजाब में चुनाव प्रचार करने के साथ ही गले कुछ दिनों तक दिल्ली में रुकेंगे और अन्य पार्टियों के साथ संपर्क कर उनसे संबंधों को मजबूत करने का प्रयास करेंगे। एक कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी सूत्र ने बताया कि जब इस बात को लेकर कयासबाजी है कि कोई भी पार्टी या गठबंधन लोकसभा चुनाव में बहुमत में नहीं आ रहा है ऐसे में अन्य राजनीतिक दलों या संगठनों को साधने का प्रयास किया जा रहा है। सीनियर लीडर्स जैसे अहमद पटेल, अशोक गहलोत, एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल, पी. चिदंबरम, मुकुल वासनिक और गुलाम नबी आजाद वे प्रमुख नेताओं में शामिल हैं जो पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर चुनावी गणित के आंकड़ों को देख रहे हैं।