मौसम का मिजाज बदलते ही शरीर की जरूरतें भी बदल जाती हैं। गर्मी के मौसम में तरल पदार्थ पीने का मन ज्यादा करता है। विशेषज्ञों द्वारा भी आहार में ऐसे खाद्य और पेय पदार्थ शामिल करने की सलाह दी जाती है, जो शरीर को डिटॉक्सिफाई करें और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर कर सकें। यही वजह है कि इस मौसम में जूस, सलाद, रायता, छाछ, आम पना व जलजीरा आदि की खपत बढ़ जाती है। इन सभी चीजों को बनाने में एक खास सामग्री का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। वह सामग्री है, काला नमक। पर क्या आपने कभी सोचा है कि काला नमक में ऐसा क्या है कि भारतीय खानपान में खासतौर से गर्मी के मौसम में इसका इस्तेमाल बढ़ जाता है? सोडियम क्लोराइड के साथ-साथ सोडियम सल्फेट, हाइड्रोजन सल्फाइड और आयरन सल्फाइड होने के कारण इसका रंग गहरा बंैगनी दिखता है और इसमें पाए जाने वाले सल्फर लवण के कारण इसका स्वाद व गंध अन्य नमक से भिन्न होता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार अपनी ठंडी तासीर के कारण यह पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद साबित होता है। काला नमक शरीर को ठंडक प्रदान करता है। यह शरीर के पीएच और मिनरल को भी संतुलित करता है, जिससे रक्त का संचार बढ़ता है और टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं। काफी खनिज होने की वजह से काला नमक एंटीबायोटिक के रूप में भी काम करता है। यह शरीर को भीतर से साफ करके शरीर में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया का नाश करता है। काले नमक में लेक्सेटिव गुण होते हैं। नमक वाला पानी मुंह में लार वाली ग्रंथी को सक्रिय करने में मदद करता है। इस वजह से पेट के अंदर प्राकृतिक नमक, हाइड्रोक्लोरिक एसिड और प्रोटीन को पचाने वाले एंजाइम व आंतों और लिवर में मौजूद एंजाइम उत्तेजित होते हैं। इससे खाना अच्छे से पचता है। यही वजह है कि काले नमक का सेवन पाचन को दुरुस्त रखता है और गर्मी में कब्ज, उल्टी जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलवाता है। अत्यधिक गर्मी की वजह से काफी लोगों को गैस और पेट में जलन जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। काले नमक के सेवन से गर्मियों के दौरान पेट फूलने जैसी परेशानी में राहत मिलती है। सीने में जलन गर्मी के मौसम में होने वाली एक आम समस्या है। ऐसा आमतौर पर तैलीय खाद्य पदार्थों के सेवन से होता है। काला नमक इस समस्या को दूर करने में भी मददगार साबित होता है। काले नमक में मौजूद मिनरल्स रक्तचाप को नियंत्रित रखते हैं और हाइपरटेंशन, हाईपोटेंशन जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाते हैं। पर इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि काले नमक में फ्लोराइड भी होता है इसलिए इसका अत्यधिक सेवन भी नुकसानदायक है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि काले नमक को चेहरे पर लगाने से भी आराम मिलता है, यानी यह नमक खूबसूरती भी निखारता है। काला नमक त्वचा पर क्लींजर की तरह काम करता है। इसके लिए काले नमक में दूध डालकर इससे चेहरे पर स्क्रब करें। रोमछिद्र खुल जाएंगे और मुहांसों से मुक्ति मिल जाएगी। अत्यधिक गर्मी में पसीने के कारण शरीर में खनिज लवण की कमी हो जाती है। काले नमक वाला पानी उस मिनरल की कमी को दूर करता है। चौथाई चम्मच काला नमक और चौथाई चम्मच अजवाइन को गुनगुने पानी के साथ लेने से गैस और पेट के दर्द से छुटकारा मिलता है। एक गिलास गुनगुने पानी में काला नमक और नीबू का रस मिलाकर सुबह-शाम पीने से शुगर भी नियंत्रित रहती है। यदि एक लीटर गर्म पानी में एक चम्मच काला नमक मिलाकर उससे दर्द वाले स्थान पर रोजाना सिकाई की जाए तो मांसपेशियों को आराम मिलता है और मांसपेशियों के दर्द से राहत मिलती है। एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी काला नमक मिलाकर नियमित रूप से पीने से थायरॉइड नियंत्रित रहता है, शरीर भीतर से साफ होता है और त्वचा में चमक आती है। एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी भर काला नमक और एक चुटकी हल्दी मिलाकर पीने से कफ और जुकाम से राहत मिलती है।