कोटा
कोटा में एक और कोचिंग स्टूडेंट ने सुसाइड का रास्ता अपनाकर अपनी जान दे दी. इसी साल के इन आठ महीनों में ये आंकड़ा 25 पहुंच गया है. राज्य सरकार, प्रशासन और कोचिंग संस्थानों के तमाम प्रयासों के बावजूद ये घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही. मृतक छात्रा झारखंड की रहने वाली थी और कोटा में रहकर नीट के लिए तैयारी कर रही थी.
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार नीट की तैयारी कर रही इस 16 वर्षीय कोचिंग छात्रा ने गले में फंदा लगाकर अपनी जान दी है. छात्रा ऋचा सिंह पुत्री रविंद्र कुमार सिंह झारखंड की राजधानी रांची की रहने वाली थी. फिलहाल वो ब्लेज हॉस्टल इलेक्ट्रॉनिक कंपलेक्स रोड नंबर एक विज्ञान नगर में रह रही थीं. मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है.
बता दें कि बीती 27 अगस्त को एक दिन कोटा में दो छात्रों के सुसाइड की घटना ने सबको हिलाकर रख दिया था. यहां कोचिंग छात्रों की आत्महत्याओं ने पूरे 'सिस्टम' को सोचने पर मजबूर कर दिया है. इस साल की शुरुआत से अब तक हुए 25 छात्रों की सुसाइड की घटनाओं ने राज्य में छात्रों की आत्महत्याओं ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. कोटा प्रशासन ने हाल ही में हॉस्टल और पीजी में स्प्रिंग वाले सीलिंग फैन लगाने का आदेश दिया था. इसके अलावा प्रशासन कई तरह के प्रयास कर रहा है, फिर भी यह सिलसिला थम नहीं रहा है.
राज्य सरकार ही नहीं बल्कि समाज में प्रतिस्पर्धा को लेकर सभी के सामने सुसाइड का मुद्दा बड़ी चुनौती बन गया है. छात्रों के सुसाइड के बढ़ते मामलों पर सोमवार को राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डॉ महेश जोशी ने aajtak से कहा कि देश में कोचिंग सिस्टम बैन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर एक पॉलिसी लानी चाहिए जिससे कि इस देश में कोचिंग सिस्टम बैन हो.