रतलाम
प्रधान जिला एवं जिला सत्र न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष राकेश मोहन प्रधान ने सोमवार को न्यायालय परिसर के निरीक्षण के दौरान एक दिव्यांग बुजुर्ग को घसीटते हुए चलता देखा तो तत्काल उसके पास पहुंचे। बुजुर्ग ने एक पैर से दिव्यांग होने के कारण ठीक से चल नहीं पाने की बात कही। न्यायाधीश ने तत्काल एडीआर भवन से ट्राइसाइकिल मंगवाकर बुजुर्ग को उस पर बैठाया। इसके बाद कर्मचारियों के साथ उसे एडीआर भवन भेजकर समस्या का निराकरण करने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए।
जानकारी के अनुुसार 90 वर्षीय कोदर पुत्र नानूराम निवासी ग्राम गुर्जरपाड़ा दोपहर में न्यायालय में अपनी जमीन संबंधी विवाद के सिलसिले में शिकायत करने आए थे। उन्हें पता नहीं था कि शिकायत कहां करना है। वे न्यायालय परिसर में जैसे-तैसे घसीट-घसीट कर चल रहे थे। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश मोहन प्रधान ने देखा तो वे उनके पास पहुंचे। कोदर ने बताया कि वह चलने-फिरने में असमर्थ है।
उनकी ग्राम पलास व गुर्जरपाड़ा की सीमा के पास जमीन है। उक्त जमीन पर राजेश नामक व्यक्ति ने कब्जा कर रखा है। जमीन पर ऋण लेने के कारण जमीन के दस्तावेज भी बैंक के पास जमा है। उसे उसकी 35 बीघा जमीन राजेश से वापस दिलवाई जाए। जिला विधिक सेवा अधिकारी पूनम तिवारी को निर्देशित किया कि कोदरजी का प्रकरण तत्काल प्री लिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) मध्यस्थता के तहत सुलझाने का प्रयास करें।
आवेदन प्रस्तुत किया गया
कोदर ने कार्रवाई के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन प्रस्तुत किया। जिला विधिक सहायता विभाग द्वारा राजेश को संबंधित मामले में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इस दौरान अभिभाषक संघ अध्यक्ष राजीव ऊबी भी उपस्थित रहे। समस्त कार्रवाई वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवाएं योजना के तहत की गई है। अपनी सहायता व कार्रवाई के लिए कोदर ने खुश होकर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश का आभार माना।