गुरुग्राम
खुद को गोरक्षक बताने वाले मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर को पुलिस ने हिरासत में लिया है। मोनू मानेसर पर आरोप है कि उसने नासिर और जुनैद की हत्या की है। दोपहर करीब 12 बजे सिविल ड्रेस में आए पुलिसवाले मोनू को अपने साथ लेकर गए है। बताया जा रहा है कि हरियाणा पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है। हरियाणा पुलिस उसे राजस्थान पुलिस को सौंपेगी। मोनू के परिजनों का कहना है कि पुलिस उसे अपने साथ ले गई है।
जिस वक्त मोनू को हिरासत में लिया गया उस दौरान का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि बाजार में चोरों तरफ सादी वर्दी में घूम रहे पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया। मोनू मानेसर के लिए इस तरह 'चक्रव्यूह' रचा गया था कि वह भागने या बचने की कोई कोशिश नहीं कर सका। कान पर फोन रखे हुए एक पुलिसकर्मी उसके नजदीक से गुजरता है और अचानक उसका हाथ पकड़ लेता है। चारों तरफ घूम रहे पुलिसकर्मी तेज रफ्तार में आगे बढ़ते हैं। मोनू समझ जाता है कि वह कानून के फंदे में फंस चुका है और वह चुपचाप साथ चल देता है।
पुलिसकर्मी बुलेरो और क्रेटा गाड़ी में आए थे। कुछ पुलिसकर्मी गाड़ी में रहे जबकि कुछ बाजार में चारों तरफ फैल गए थे। कोई दुकान से सामान खरीदने का नाटक करता रहा तो कोई फोन पर बात करते हुए घूम रहा था। खुफिया सूचना के आधार पर पुलिसकर्मी पहले से पूरा व्यूह रच चुके थे। सूचना के मुताबिक, मोनू कुछ देर बाद बाजार में पहुंच गया। काले लिबास में दिख रहे मोनू ने ना तो चेहरा ढंका था और ना ही अपना हुलिया बदला हुआ था। ऐसे में कुछ लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या सबकुछ पहले से तय था? आखिर यह जानते हुए भी कि पुलिस उसे तलाश रही है मोनू इस तरह खुलेआम बाजार में कैसे आ गया?
नासिर जुनैद की हत्या से नूंह हिंसा तक में आया नाम
खुद को गोरक्षक बताने वाला मोनू मानेसर गुरुग्राम, फरीदाबाद और मेवात जैसे इलाकों में काफी चर्चित है। वह दावा करता है कि गोतस्करी रोकने के लिए अभियान चलाता है। यूट्यूब और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर वह ऐसे तमाम वीडियो भी अपलोड करता है। नासिर और जुनैद की हत्या में उसका नाम आया था। हालांकि, पिछले महीने राजस्थान के डीजीपी ने कहा कि जांच में उसका सीधा हाथ नहीं मिला है, लेकिन उसकी क्या भूमिका रही, इसको लेकर जांच चल रही है। मोनू मानेसर को नूंह हिंसा के लिए भी जिम्मेदार बताया गया। कहा गया कि मोनू मानेसर के बृजमंडल यात्रा में शामिल होने की अफवाह फैलने के बाद ही हमला किया गया।