नईदिल्ली
साल 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली के पुल बंगश हत्याकांड से संबंधित एक मामला सोमवार को आगे की कार्यवाही के लिए जिला जज के पास भेज दिया गया। राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रो पॉलिटन मजिस्ट्रेट विधी गुप्ता आनंद की अदालत ने मामले को जिला न्यायाधीश के पास भेज दिया, ताकि मामला सत्र न्यायाधीश को सौंपा जा सके। इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री टाइटलर पर हत्या का आरोप लगा है। हत्या का मुकदमा होने के चलते इस मामले में सत्र अदालत में सुनवाई होगी। इस अपराध के तहत दोषी पाए जाने पर दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों की श्रेणी में रखकर अधिकतम मौत की सजा का प्रावधान है।
मजिस्ट्रेट ने कहा कि मामले में जिन दस्तावेजों पर भरोसा किया गया है उनकी प्रतियां पहले ही टाइटलर को दस्तावेजों की एक सूची के अलावा प्रदान की जा चुकी हैं। मजिस्ट्रेट ने कहा कि आरोपी आवश्यक समझे जाने वाले किसी भी अन्य दस्तावेज की मांग के लिए सत्र अदालत के समक्ष आवश्यक आवेदन दायर करने के लिए स्वतंत्र है। अदालत ने कहा कि 26 जुलाई को पारित एक आदेश द्वारा कथित अपराधों का संज्ञान लिया गया और आरोपी को तलब किया गया।
एक सत्र अदालत ने पहले ही टाइटलर को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर अग्रिम जमानत दे दी थी। अदालत ने उन पर कुछ शर्तें भी लगाई थीं, जिनमें यह भी शामिल था कि वह मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे या बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ेंगे।
गुरुद्वारे में भीड़ ने आग लगा दी थी
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के एक दिन बाद भीड़ ने 1 नवंबर, 1984 को पुल बंगश इलाके में स्थित गुरुद्वारे में आग लगा दी थी। उस समय गुरुद्वारे में मौजूद तीन लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। इस मामले में हत्या और आगजनी का मुकदमा दर्ज किया गया है।