नई दिल्ली
जी20 शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय राजधानी खासकर नई दिल्ली जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और पुलिस, अर्द्धसैनिक बल तथा अन्य एजेंसियां शहर में कड़ी निगरानी रख रही हैं।
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
यहां प्रगति मैदान में नौ से 10 सितंबर तक होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन से पहले दिल्ली पुलिस ने अहम स्थानों पर सशस्त्र बलों को तैनात किया है, सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है।
दिल्ली पुलिस को 50,000 से अधिक सुरक्षा कर्मी, के9 श्वान दस्ता और घुड़सवार पुलिस सहायता प्रदान कर रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''हवाई अड्डे से होटलों तक और होटलों से जी20 शिखर सम्मेलन स्थलों तक विदेशी प्रतिनिधियों को प्रतिष्ठित शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा अचूक सुरक्षा प्रदान की जाएगी।''
व्यवस्थाओं को और चाक-चौबंद करने के लिए दिल्ली पुलिस को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और कुछ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) जैसी विशेष केंद्रीय एजेंसियां भी सहायता दे रही है।
अधिकारियों के अनुसार, शिखर सम्मेलन के दौरान मध्य प्रदेश के करेरा में अपने प्रशिक्षण केंद्र में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) द्वारा आयोजित चार सप्ताह के विशेष प्रशिक्षण सत्र को पूरा करने वाली उन्नीस महिला निशानेबाजों को भी तैनात किया जाएगा।
राइफल स्कोप से लैस इन निशानेबाजों को जी20 शिखर सम्मेलन स्थल और होटलों सहित शहर के अहम स्थानों पर तैनात किया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च, गश्त बढ़ा दी गई है और पिकेट जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा, ''इलाके में पिकेट जांच बढ़ा दी गई है और स्थानीय लोगों को विश्वास दिलाने के लिए उनके साथ संचार स्थापित किया जा रहा है। यमुना खादर के पास के इलाकों की नियमित जांच की जा रही है। घुड़सवार मोर्चों को भी सेवा में लगाया गया है।'
एक अधिकारी ने कहा, ''सीमावर्ती क्षेत्रों में जांच तेज कर दी गई है। सीमाओं पर अतिरिक्त पिकेट लगाए जा रहे हैं। निगरानी के लिए ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है। आरडब्ल्यूए (रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन), एमडब्ल्यूए (मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन) और अमन समिति के सदस्यों के साथ नियमित संचार किया जा रहा है।''
किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने गश्त तेज कर दी है और अहम प्रतिष्ठानों पर अतिरिक्त पिकेट तैनात कर दिए गए हैं, साथ ही नागरिकों से कहा गया है कि अगर वे कोई संदिग्ध गतिविधि देखते हैं तो पुलिस को सूचित करें।
पुलिस ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहलू हैं। उन्होंने कहा कि कई अन्य देशों में जहां पिछले शिखर सम्मेलन आयोजित किए गए थे, अंतरराष्ट्रीय समूहों और स्थानीय संगठनों के विरोध के कारण कानून- व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई थी।
विशाल-कार्यक्रम की तैयारियों के तहत पुलिस ने पिछले जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अन्य देशों में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय समूहों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों का व्यापक मूल्यांकन किया है।
वे शिखर सम्मेलन के दौरान अवांछित और गैरनिर्धारित आंदोलनों से निपटने के लिए चेन और बोल्ट कटर का उपयोग करेंगे।
उन्होंने कहा कि पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के बीच वास्तविक समय का समन्वय स्थापित किया गया है।
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''जब भी हमें किसी भी तरह की जानकारी या आकलन मिलता है तो हम उसके अनुसार चीजों की व्यवस्था करते हैं। दिल्ली पुलिस पर सुरक्षा, रक्षा और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है और हम इसे एक चुनौती के रूप में ले रहे हैं।''
अधिकारी ने कहा, ''हमारे पास दिल्ली पुलिस की विभिन्न शाखाएं हैं जिन्हें शिखर सम्मेलन क्षेत्र के लिए लक्षित भूमिकाएं सौंपी गई हैं। इसके अलावा हमारे पास दिल्ली के अन्य हिस्सों में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने की जिम्मेदारी है।''
अधिकारियों ने कहा कि शिखर सम्मेलन के लिए जिलों और अन्य इकाइयों के कर्मियों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली ''हाई अलर्ट'' पर रहेगी।
पुलिस ने कहा कि जहां तक आयोजन स्थल की सुरक्षा व्यवस्था का सवाल है विशेष पुलिस आयुक्त रैंक के अधिकारी कमांडर के रूप में काम करेंगे और पुलिस उपायुक्त रैंक के अधिकारी जोनल कमांडर के रूप में काम करेंगे। उनकी सहायता संयुक्त आयुक्त-रैंक के अधिकारी और अतिरिक्त डीसीपी करेंगे।
डीसीपी-रैंक के अधिकारी उन होटलों के कैंप कमांडर के रूप में काम करेंगे जहां प्रतिनिधि ठहरेंगे। उन्होंने कहा कि विशेष पुलिस आयुक्त रैंक के अधिकारियों के अधीन होटलों के समूह होंगे।
अधिकारियों ने कहा कि ऐसी व्यवस्था की गई है कि शिखर सम्मेलन के दौरान कोई घुसपैठ, आतंकवादी गतिविधि या तोड़फोड़ न हो।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ''विशेष उपायों के लिए भारतीय सशस्त्र बल भी हमारी सहायता कर रहे हैं। कर्मचारियों को भूमिका-आधारित सूक्ष्म-कार्यात्मक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है और उन्हें उनके कर्तव्यों के बारे में जागरुक किया गया है।''